मुझे डर था कांटों का कहीं चुभ ना जाए
चुभा तो वो फूल मुझे जिसे प्यार से सहलाया था-
8 OCT 2020 AT 17:15
17 SEP 2018 AT 7:00
कभी गुलाब सी महकती है
कभी काँटों सी चुभती है
जिंदगी और तेरी यादों की
एक जैसी आदत है।-
26 JAN 2021 AT 14:08
शब्दो का क्या है ये तो
अच्छे और बुरे
दोनो में ही चुभ ही जाते है....
सम्भल तब जाइये
जब किसी का
"मौन" चुभ जाए कभी।।-
13 MAY 2019 AT 2:05
गलतियां खर्राटें की तरह होती हैं,😌
दूसरे करें तो चुभते हैं;😤
और खुद के पता तक नहीं चलते।😜
😝😝😝😝😝😝😝😝😝😝-
2 FEB 2019 AT 16:48
आंख भर आती है आज भी याद से उसकी
वो कांटा भी तुम्हारी ही तरह सीने में चुभ गया !-
20 DEC 2020 AT 13:10
आज टूटकर बिखर गया हूँ, तो चुभने लगा हूँ मैं
कभी आईना हुआ करता था, तेरे चेहरे के लिए !-