गर्मियां आ रही हैं तो चिड़ियों को छत पर पानी रखना शुरू कर दो।
सबसे पहले शुरुआत अपनी "nusshu🐥begum🐦" ने कर दी है।
इन्होंने सिर्फ शुरुआत ही नहीं की बल्कि अपने नाम में भी "चिड़ियाँ" लगा रखी हैं।
हो सके तो कुछ समय के लिए; आप सब लोग भी अपने नाम में चिड़ियाँ लगाएं और पक्षियों के प्रति अपना प्रेम दिखाएँ।😛😛
👉मैंने भी लगा ली हैं😜😂😂😝😝-
वो सोते हैं लिपट कर हमारी बाहों में.
आज कल गर्मी बहुत है जाड़ों में.-
" गर्मी का मौसम भी न "
ये रजाई का मौसम
भी बीत गया
इन तपती धूपों में आमों
का पकना भी न
तन-बदन भीग जाता
पसीने से खेतों में
आखिर आ ही गया ये
गर्मी का मौसम भी न
बादलें भी झूम
उठती कभी-कभी
मिल जाता आँधी-तूफानों
का ठिकाना भी न
हर कोई चाहता है बैठना
पेड़ों की छावों में
गेहूं की कटाई और
धानों की बैठवाई भी न
हर साल इंतज़ार रहता गर्मियों
की छुट्टियों में कहीं जाने का
नानी से पैसे पा कर
उनको चिढ़ाकर भागना भी न
बीत जाती छुट्टियाँ
खुल जाते स्कूल
आखिर बीत ही जाता है
ये गर्मी का मौसम भी न।-
आज गर्मी बाहर बहुत है
जरा सी राहत के लिए
बारिश की बौछार बहुत है
देखा है परिंदों को झुलसते आज भी
अँगीठी में धधकते कोयले के ताज भी
पेड़ो और पत्तियों में सुगबुगाहट बहुत है
आज फिर से लू की मार बहुत है
पानी भी सन्न है गर्मी की लताड़ से
कही कही डूबे है खेत भी बाढ़ से
ये सब देखकर दिल में उतार बहुत है
पहाड़ो में जाते लोगो की कतार बहुत है
सूर्य का चमकता सृंगार बहुत है
वरुण देव का अस्तित्व अपार बहुत है
इंद्र देव की कृपा से प्यार बहुत है
अब तो बरस जाओ घन काले काले
बड़ी बेसबरी से तुम्हारा इंतज़ार बहुत है-
!! महापुन्य !!
जिस प्रकार गर्मियों में पक्षियों के लिए
पानी की व्यवस्था करना पुण्य का कार्य है
वैसे ही टॉयलेट में पानी का डब्बा
भरकर रखना महापुन्य का कार्य है।
साला गर्मी की दोपहरी में टॉयलेट में
उबलता हुआ पानी आता है और
पिछवाड़े का शेक हो जाता है।-
सुकूं देने वाली वो धूप अब जला रही है...
लगता है गर्मियां आ रही है।।
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सुनो...
कभी-कभी तुम्हारी याद
ऐसे भी आती है जैसे गर्मी में ठण्डी हवा...-