आरती लिये तू
किसे ढूंढता है मूरख,
मन्दिरों, राजप्रासादों में,
तहखानों में?
देवता कहीं सड़कों पर
गिट्टी तोड़ रहे,
देवता मिलेंगे खेतों में,
खलिहानों में।-
आन देश की शान देश की
देश की हम संतान है
तीन रंगों से रंगा तिरंगा
अपनी ये पहचान है-
आज इस नए दौर की महाभारत में
जनतंत्र का अभिमन्यु बचेगा क्या?
इस तरह के कपट-युद्ध में
मारा ही जाएगा जनतंत्र का अभिमन्यु भरी दोपहरी,
चलो हम सब मिल-जुल कर सोचें कि
कैसे बचाई जाय अब इस जनतंत्र की साख
आज इस रण-भूमि में सूर्यास्त होने के पहले ही।-
यदि राजा धर्मात्मा हो तो प्रजा भी धर्मिष्ठ, पापी हो तो पापी और सम हो तो सम होती है; क्योंकि सब प्रजा राजा के अनुसार चलती है। जैसा राजा है, वैसी ही प्रजा भी होगी।
-
स्व से बना स्वराज्य हमारा,
गण से बना गणतंत्र है,
कर्तव्यों,अधिकारों,भाषा का संग्रह है,
आज़ादी जो मिली विचारों की,
यहीं तो ये गणतंत्र हैं।-
गणतंत्र का अर्थ है- हमारा संविधान, सरकार,
कर्तव्य,अधिकार।
गणतंत्र दिवस उस संविधान के लिए है...
जिसके तहत जनता और सरकार दोनों में विश्वास पैदा होना।-
भारत के लिए क्या लिखूं
भारत तो मेरी नस - नस में
जब भी आंखे तिरंगे को देखती है।
तो जी चाहता है!
अन्तिम समय में तिरंगा ही
कफ़न हो, और लाल गाड़ी की
शव यात्रा ।
-
जाने कैसे कमजोर हुआ, अपना ये गणतंत्र
इसे बचाये रखने का, कोई बताओ मंत्र
बनाया हमने जिन्हें मंत्री, देकर अपना मत
मिलकर संसद में वही, रच रहे षड्यंत्र-