जिंदगी की कहानी में सबको HERO बनना है
मगर मैं वो हूं जिसके बिना कहानी अधूरी है
VILLAIN हूं मै VILLAIN कहानी में नाम ही काफी है।-
...इस तरह पुरुष ने
स्वयं को समझा एक पूर्ण वाक्य
और स्त्री उसमें पूर्ति हेतु रिक्त स्थान
जो समय-समय पर बदली जाती रही.-
हम सब किसिना किसीके कहानी में
"खलनायक" होते हैं
कंही हम खुद बनते हैं
कंही हमे बनादिया जाता है-
खलनायक भी किसी का नायक होता है
और नायक भी किसी का खलनायक होता है।-
सारे खलनायक अमरीश पुरी से नहीं दिखते
कुछ तुम जैसे मासूम भी होते हैं।-
लिखने लायक कुछ कर न पाया,
पढ़ने लायक कुछ लिखा नहीं।
बन न पाया किसी का नायक,
एक खलनायक भी दिखा नहीं।
जीवन भर बस लिया ही सबसे
इस जग को कुछ दिया नहीं।
याद करे जो मुझे ज़माना
ऐसा कुछ भी किया नहीं।-
उसने कहा छोड़ दो मुझे,
मैं तुम्हारे लायक नहीं...
मैंने भी कहा जा आजाद हैं तू,
मैं नायक हूं कोई खलनायक नहीं...
वापस तो तुझे आना ही पड़ेगा मेरे बाहों में,
क्योंकि वो खलनायक हैं कोई नायक नहीं...
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तुम्हारी खलनायकी का
किरदार आएगा जब तक,
मेरा मशहूर किस्सा
चौपाल पर सुना हुआ होगा ।-
विलेन (ख़लनायक)भी जरूरी हैं...
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जब आप से मजबूत इंसान चाहे वह आर्थिक रूप से... या शारीरिक रूप से...या सामाजिक रूप से...या फिर मानसिक रूप से ही क्यों ना हो...आप को नीचा दिखाने के लिए,आपको हराने के लिए,आप से और आगे जाने के लिए बेवजह ही आपको तंग करने लगे तो घबराओ मत...यह शुभ संकेत हैं...आपके आगे बढ़ने का...वह व्यक्ति अपनी हठधर्मिता के कारण अपने स्वयं के स्तर को नीचा और आपके स्तर को उंचा ही कर रहा हैं...आपको उकसा रहा हैं...आगे बढ़ने के लिए...जिंदगी में कुछ करने के लिए...अरे भाई आपके जीवन में कोई खलनायक आएगा तभी तो आप नायक कहलाओगे...-