मेरा सुकून कहीं खो गया है।
आजकल चाय से जो दूरियां बनाया है।।
वो कॉकटेल भी अब पीनी छोड़ दी हमने।
केवल कॉफी को जो मुंह से लगाया है।।
जब से चाय छोड़ी है।
अब सुकून भी मुंह मोड़ी है।।
हर रोज दिल दिमाग में बनी,
तनाव थोड़ी थोड़ी है।।-
सुनो !
चाय कॉफी पर
लड़ने वाले
प्रेमियों,
चाय कॉफी
दोनों पी
सकते है क्या
😁😁
-
मेरी चाय मुझे बहुत भाती है
शायद मुझे चाय की सादगी पसंद आती है
मगर दुनिया आज दिखावे की ओर ही भागी जाती है
शायद इसीलिए ही काॅफी इतनी महंगी बेची जाती है
Good morning-
आज मेरी कप ने मुस्कुराकर के पुछा,,,,,
चाय या कॉफी मुझसे मत छुपा ,,,,,
चाय तो है जान तुम्हारी ,,,,,
पर कॉफी से हो रही है,,,,,
तेरी थोड़ी-थोड़ी दोस्ती यारी,,,,
चंद दिनो की होती दिखावे की दुनियादारी
सच्चे दिल से ही निभाई जाती है रिश्तेदारी ।-
उसके ख़ातिर, चाय से कॉफ़ी के हो गए तुम,
क्या ख़ाक इश्क़ में वफ़ा निभाओगे तुम?-
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आज अपनी एक पुरानी कविता ' कॉफी?? '
की Lyrical Video instagram और
Facebook page पर upload की है मैंने।
आपने इसे YourQuote पर मेरी Post के
रूप में ज़रूर देखा होगा - पढ़ा होगा।
पर आज मैंने इसे अपनी आवाज़ में फिर से बुना है।
आशा करती हूँ आप सब को पसंद आएगी।
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आओ चलो पिठ्ठू खेलते है
बचपन को फिर से जीते है
अमीरों की कॉफी छोड़
अपनी पहाड़ की वो
गुड वाली चाय
सुडुक सुडुक पीते है...-