तुम्हारे हृदय को स्पर्श करनेवाली
❤️"मैं"❤️
प्रति पल इस आकांक्षा में जागृत
रहती, कि स्पर्श कर सकूं तुम्हारे
आत्मा को मृत्यु पर्यन्त
-
किसी अनजान व्यक्ति से मिलकर कभी ऐसा लगता है
जैसे वो बताने की कोशिश कर रहा हो
कि मुख्य पंक्तियां ये रहीं बाकी कैप्शन में पढ़ लेना😊-
सो जियो जी भर के, सबसे हिलमिल के
क्यूंकि इंसान का जीवन हमें मुश्किल से मिला है,
बहाओ प्रेम की गंगा, दिलों में दया का सागर
जगत सा पुष्प ये विकल हो इसके लिए ही खिला है !-
ख्वाहिश बेशक चांद की रखो ....
मगर कबूल उसके दाग भी करो
..................
चाहत हो ,
चाहत को सीने से लगाने की...
तो सरे-आम-हिम्मत उसे अपनाने की रखो-
बेहद सुकून है उसको
और नींद भी बेफिक्री वाली है
बेशक छत नहीं है फिर भी
महफूज़ समझता है खुद को क्युकी
उसके मां बाप जैसे दो माली है
वो दोनो भी बेशक सड़क पर है मगर
पास एक दूसरे के बाहों के आशियाने हैं
है प्रेम उनका सारी उपमाओं से परे
क्युकी दोनो संग हैं बिना इस दिखावे के
कि एक को मांग भरनी हैं और
दूसरे को उसके लिए तारे लाने हैं-