कैसे याद न करें हम
हमारे लिए दी गई तेरी जान की कुर्बानी को।
कैसे भूला दें हम
तोफे में दी हुई तेरी आजादी की निशानी को।
खेली है तुमने अपने खून की होली
बस हमारे लिए।
खाई है सीने पर तुमने बंदूक की हर गोली
बस हमारे लिए।
और क्या लिखूं तुझ पर
तेरा व्यक्तित्व ही इतना महान है।
मेरे देश पर मिटने वाले सैनिक
तुझे कोटि-कोटि प्रणाम हैं।-
आंसु हमारे लिए हर बार कुर्बानी दे जाती है।
खुद की बली चढ़ाकर
हमारा दर्द कम कर जाती है
हमारे आंखों से छूटकर
मोती बनकर बिखर जाती है
आंसु हमारे लिए हर बार कुर्बानी दे जाती है।
हमारे जीवन में सारे दर्द को हराने में
हमारा हर दम साथ निभा जाती है
अनमोल होकर भी
हमारे नजरों से जुदा हो जाती है
आंसु हमारे लिए हर बार कुर्बानी दे जाती है।
छलक आती है खुशी हो या कम में
हमारे मन को हल्का कर जाती है
आंसु हमारे लिए हर बार कुर्बानी दे जाती है-
भारत माता की रखवाली में जो अपनी जान गवा दी है
वतन की सेबा में जो अपनी कुर्बानी दे दी है
जान की कीमत क्या होती है
उन वीर शहीदों से पूछो।
गुलशन में खिली हुई आज भी शहीदों की ही बोली है
जो गोली की बोली पे गूंजी जय हिन्द कि बोली है
आज भी हवा में बह रही महसूस उसे करके देखो
जान कि कीमत क्या होती है
उन वीर शहीदों से पूछो।
जो रक्षा कवच बने रहे भारत के खातिर लड़े मरे
उन शहीदों के टपकती एक एक खून कि बूंदों से पूछो
जान कि कीमत क्या होती
उन वीर शहीदों से पूछो ।
हांथ तिरंगा पकड़े रहे जो आख़िरी सांस तक लड़ते रहे
जिस भूमि पे पैदा हुए उसी भूमि के मिट्टी में
जो मिलकर फूल खिले
उस मिट्टी की कड़कड़ से पूछो
जान कि कीमत क्या होती है
उन वीर शहीदों से पूछो ।-
इंतजार
मेहंदी लगे हाथों को क्यों चुभने लगे हैं ये शूल ।
मेरी खुशियां क्यों बन गई हैं मिट्टी की ये धूल ।
क्यों रास नहीं आये इनको हैं रंग बिरंगे ये फूल ।
एक बस तुम्हारे जाने से ही क्यों खुशियां गई हैं,मुझसे रूठ ।
सुन मेरे शहीद तेरी यादों को दिल से मिटा ना सकती ।
दुख बस इस बात का है कि तुझे दोबारा पा नहीं सकती ।
तुम्हारी कुर्बानी इस वतन के नाम रहेगी ।
और मेरी ज़िन्दगी बस तुम्हारे नाम रहेगी ।-
"मैं तो उस इंसान के हाथों की लकीरों पर
कुर्बान हो जाऊं जिसने तुझे मांगा भी नहीं
और अपना बना कर बैठा है"।💗💓💔-
जो कुर्बान किया धन,दौलत,शौहरत तो क्या कर दिया
कुर्बान किया तामसिक अंहकार तो सब कुछ कर दिया-
यादों में बसकर ही तो रह गए हो तुम।
वादों को निभाना तो भूल गए हो तुम ।
कैसे कह दूं कि सपनों में नहीं आते हो तुम।
कैसे कह दूं कि अपनों में नहीं आते हो तुम।
खूबसरत सा किस्सा बन कर रह गए हो तुम।
जीवन का हिस्सा बनना तो भूल गए हो तुम।
दिल की उलझनों की वजह बन गए हो तुम।
उलझनों को सुलझाना तो भूल गए हो तुम।
क्यों लौट नहीं आते हो तुम।
क्यों पास नहीं रहते हो तुम।
तुमसे ज्यादा तुम्हें समझना क्या भूल मेरी हैं।
तुमसे ज्यादा तुम्हें चाहना क्या गलती मेरी है।
शायद नहीं ।
जितना मैंने तुमको जाना है।
उतना मैंने तुमको माना है।
अब खुद ही समझ गई हूं।
प्यार तुम्हें भी है मगर।
बस अपना कर्तव्य निभा रहे हो।
देश की खातिर अपना हर फ़र्ज़ निभा रहे हो।
तुमसे खुद ही रूठती हूं।
फिर खुद ही मान जाती हूं।
ये सोच कर कहीं ना कहीं हिम्मत मैं भी हूं तुम्हारी।
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तुम्हे जो कह दूँ कि मुझे वो चाँद चाहिए तो मुझे है पता कि तुम मेरे लिए वो भी ला दोगे...
कितना प्यार करते हो मुझसे वो तो करोगे नही जुबान से बयान लेकिन मालूम है हमको कि खामोशी से अपनी जान तक भी लुटा दोगे...
#i_m_on-
मेरी झील सी आँखों में आज हलचल है तूफानी सी
तुझ संग इश्क़ बेपनाह देख हवाएं भी है रुहानी सी ,
देख तेरा मासूम चेहरा तेरे इश्क़ में बन गई दिवानी
लिख हथेली पे नाम तेरा आज साँसे भी है मस्तानी सी,
तेरी महफ़िल में आए थे आज प्यार की देने कुर्बानी
देख आज इश्क़ में तेरे ख़ातिर लब भी है बेज़ुबानी सी ,
ख़्वाहिश फ़क़त दिल की,तेरी बन जाउं कोई कहानी सी,
लिख दिल पे नाम तेरा साँसो ने भी की है बेईमानी सी,
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एक-एक कतरे का,
हिसाब लेना है।
भारत के वीर सपूतों,
आपकी कुर्बानी को,
व्यर्थ ना जाने देना है।
पीठ पर किए,
वार का हिसाब,
अब तो सीने पर देना है।
हमें आप लोगों के लिए,
एक-जुट हो,
इन कायरों का,
संहार करना है।-