QUOTES ON #कार्तिक_पूर्णिमा

#कार्तिक_पूर्णिमा quotes

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गुरुपूरब दा पर्व है सबनूँ लक्ख वधाई
बन्दे ओ भगवान दे जे करदे नेक कमाई
करदे नेक कमाई किसी दा हक़ न छिनदे
ज़ात-पात, नफ़रत दी कोई गल्ल न मनदे
दुनिया दे विच प्यार दी हो जावे बौछार
अहंकार दा ताप मिटे निर्मल हो व्यवहार

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12 NOV 2019 AT 13:08

नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये,
सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे |
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते,
सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम: |

आशा है ये त्यौहार की अमृत धारा आपके जीवन में सुख और समृद्धि के साथ नयी उमंग लाये|
आप सभी को कार्तिक पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएें|

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27 NOV 2023 AT 9:59

दीपक की लौ सी
मुस्कान जगमगाए,,
दुख तकलीफ़ परेशानी
सभी अंत हो जाएं!!
🪔 देव दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाएं 🪔

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30 NOV 2020 AT 7:17

केदार भी तू , काशी भी तू
नाथो के नाथ सोमनाथ भी तू
राम के अती प्रिय रामेश्वर भी तू
देवो के देव मेरे महादेव है तू
तेरी माया तू ही जाने जो जाने उसके अंतकरण में तू
#हर_हर_महादेव
#कार्तिक_पूर्णिमा #ॐ_नमः_शिवाय

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30 NOV 2020 AT 6:00

🌼शुभ सोमवार🌼

कितना पावन सोमवार है आया
एक ही दिन सारी खुशियां लाया

सुबह सवेरे कर गंगा स्नान मनाएं कार्तिक मास
नानक देव जी की कृपा पूर्ण करें जो सारी आस

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"ॐ कार्तिकेय नमः"
स्नान, दान-पुण्य एवं आस्था के पावन पर्व कार्तिक पूर्णिमा की आपको हार्दिक शुभकामनाएं।

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एक दुआ मांगते हैं हम अपने भगवान से,
चाहते हैं आपकी ख़ुशी पूरे ईमान से,
सब हसरतें पूरी हों आपकी और
आप मुस्कुराएं दिल-ओ-जान सें।

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19 NOV 2021 AT 6:15

तैं पबरित दियना के बाती के ,
महु सिखत हव जर के अंजोर बगराय बर......
- प्रकाश

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19 NOV 2021 AT 6:15

तैं पबरित दियना के बाती के ,
महु सिखत हव जर के अंजोर बगराय बर......
- प्रकाश

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19 NOV 2021 AT 22:56

जय श्रीकृष्ण!🙏

चिता नहीं जिसकी बुझती, बिन सांझ सुभा सी हूं।
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं।🕯️

रैदास,कबीर की वानी, डोम चरनदासी हूं।
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं।🕯️

मुक्तिदायिनी, मोक्षदायिनी, वैतरिणी मैं मरता की।
ज्ञानदायिनी, जीवनदायिनी, वैभवनी मैं करता की।
गंगा मां सी हूं।
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं।🕯️

पापी कामी ख़ामी लोभी दम्भी मैं सबकी साक्षी हूं।
नर वानर किन्नर संत संन्यासी सबकी अन्नपूर्णा भी हूं।
वसुंधरा सी हूं।
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं।🕯️

हर वर्ष सहर्ष जन उत्कर्ष गंगा पांव पखारे।
कृष्णनख़ा सी हूं।
मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं, मैं काशी हूं।🕯️

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