दिल कैसे बने 'हाज़ी' , क़ुर्बत में 'करबला'
जब खामियाज़े में हो , 'ख़ामी' का ज़लज़ला-
शहिदे कर्बला का मातम मना रहा है हर कोई..!
इश्के हुसैन में अपना सब कुछ लुटा रहा हर कोई..!!
मोहर्रम है मोहर्रम आ रहा कहता है हर कोई..!
आशूरा का रोज़ा भी रखता है कोई कोई..!!
हुस्ने रसूल का नूर है हसनैन और करिमैन..!
जन्नत के जवानों के सरदार हैं यही कहता हर कोई..!!
फातिमा ज़हरा अली मुश्किल कुशा के लाल हैं यही..!
जिसने की उनसे मोहब्बत पाकीज़ा हो गया वो ही..!!
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ख़ुद से ख़ुद को माफ कर दे
आ
कर्बला की मिट्टी से ख़ुद को पाक
कर दे I-
है फुरात जो तड़पती
बुझाने को हुसैन की प्यास
हुई ना उम्मीद मौला
वो भी कर्बल में
है वफा भी आखिरी दम भरती
पूरी करने सकीना की आस
हुई ना उम्मीद मौला
वो भी कर्बल में
है फातेमा का दिल लरजता
देख हुसैन का कटा रास
हुई ना उम्मीद मौला
वो भी कर्बल में
है मासूमों की दुनिया उजडती
दे उन्हें कौन अब दिलास
हुए ना उम्मीद मौला
वो भी कर्बल में
ए दाई-ए-फातेमा तेरे साथ
हम आए है हुसैन पर आहो-बुका करने आज
इस नेमत से करो शफाअत
मौला मेरी कर्बल में-
दश्त-ए-बाला को अर्श का ज़ीना बना दिया.
जंगल को मोहम्मद का मदीना बना दिया.!
हर ज़र्रे को नजफ का नगीना बना दिया.
हुसैन.. आपने मरने को जीना बना दिया.!-
लड़खड़ाते हैं कदम हालाते "रोजे" मे
थोड़ा चलने के बाद
केसे चला होगा काफ़िला #कर्बला
मे "हुसेन" की शहादत के बाद !!-
कौन उलझेगा मोहम्मदﷺ के जिगर पारों से
जंग का पांसा पलट देते हैं किरदारों से
सर जो सजदे में कटा ये है नज़र का धोखा
शम्मा की लौ भी कहीं कटती है तलवारों से?-
कमाल का हौसला था
कर्बला के शहीदों का
वहां पर शुक्र करते थे
जहां पर सब्र करना मुश्किल था.-
लड़ाई पुण्य की जग में जहाँ भी पाप से होती
वहीं कुरुक्षेत्र होता है, वहीं पर कर्बला होता-