पता है मुहब्बत में मरेंगे लेकिन
फिर भी एकबार मुहब्बत करेंगे लेकिन-
तेरी खुशियों की खातिर,हम बंजर भी आफ़ताब करेंगे,
तुम दोस्ती में भी शक करना,हम दिल्लगी बेहिसाब करेंगे।।-
जब आँसु आये आंखों में तो खुद पोछियेगा,
लोग पोछने आये तो,
सौदा करेंगे ही।-
देख रही हो मुझ को कितनी हैरत से,
पता है तुमको मिली हो मुझसे किस्मत से!
पल दो पल में हाल-ए-दिल कैसे कह दूं?
इश्क़ करेंगे जानां तुम से फुर्सत से..!
बेक़ाबू जज़्बात जताउंगा एक दिन,
मिलना एक दिन थोड़ी ज़्यादा मोहलत से!
भूल के तुम को जीते जी मर जाऊंगा,
तुम भी लड़ के देखो अपनी ग़ैरत से..!
रोक सके तो रोक ले दुनिया अब मुझको,
छीनेंगे हम तुम को अपनी ज़ुर्रत से..!
सीने में दिल तेरा भी जब धड़क उठे,
तब कहना चाहा था कितनी शिद्दत से.!
स्वतंत्र दीवानेपन की हद समझा दूंगा,
झुक जाओगे मेरे कद की वुसअ'त से.!
सिद्धार्थ मिश्र-
आशिक मिजाज हैं इतनी जल्दी हार नहीँ मानेंगे
टूटे तो हैं,पर दोबारा इश्क तुम्हीं से आजमायेंगे-