"जब खरगोश सो कर उठा,
उसने देखा कि कछुआ आगे
बढ़ गया है,
उसके हारने और बदनामी
के स्पष्ट आसार हैं।
खरगोश ने तुरंत
आपातकाल
घोषित कर दिया"-
मैं सपने देखता रहा ख़रगोश की तरह
जिंदगी कछुए की चाल से आगे बढ़ गयी-
जो कभी खरगोश सी तेज़ भागा करती थी,
अब कछुए से भी धीमी चलने लगी है।-
एक कछुआ था और एक खरगोश। दोनों दिल्ली की और दौड़े। खरगोश दौड़ दौड़ कर सी.एम.की कुर्सी तक पहुँच गया और थकान मिटाने लगा। कछुआ धीरे धीरे पी.एम. की कुर्सी तक पहुँच गया। दोनों में एक समानता थी, जनता को उल्लू बनाने की।
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आते वक़्त नींद आयी थी कछुए पर और यादें खरगोश पर होकर सवार। जाते वक़्त दोनों ने अपने वाहन बदल लिये।
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रफ्तार धीमी के मामले में,
मैं तो नाम से बदनाम हूँ;
वरना मुझसे धीमी रफ्तार तो
भारत के 'सरकारी योजनाओं'
की है!😐🤣
-कछुआ🐢-
नशा कौन नहीं कर रहा
इल्म, दौलत, मोहब्बत
हुस्न बना देते दीवाना
और किसी का महुआ है/५/
शांत लहरों में कंकड़ मार
पैदा हलचलें कर देता
बन जाता है फिर तटस्थ
लगा देता बस खुआ है/६/
जी रही मैं बन परछाई
पाना चाहूँ अस्तित्व अमर
दिल बना है तड़ीपार
और प्रेम मेरा अगुआ है/७/
प्रेम उसका बसा है ऐसे
आसमानी ज्यों दुआ है
ज़िंदगी तुम काली डायन
वो फेंगशुई का कछुआ है/८/
बेरंगी या जीवन सतरंगी
हर मौसम पतझर हुआ
बेचैन करे उमस पुरवा की
कभी लपट चले पछुआ है/९/-