मन मेरा क्यों है अशांत भला.....??
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मैं हँसता हूँ ,मुस्कुराता हूँ
पर सीने में दबी 'एक आह्' रखता हूँ ।
लड़खड़ाता हूँ ज़मीं पे पैर रखने को
मगर 'आसमां' को छूने की 'चाह' रखता हूँ ।-
मैं चलता रहा सोच ये
मुसाफिर कब तक बना फिरता रहूंगा
एक दिन जरूर पहुचूगा मंज़िल तक
मैं चलता रहा निरंतर
थक कर बैठा जो मैं दो पल
मेरा प्रतिद्वंद्वी आगे निकल पड़ा
मूड कर पीछे वो हंस रहा था
ना जाने किस कदर दिन का ढलता
सूरज भी तंज कस रहा था
सभी हैं भीड़ में मैं अकेला तो नहीं
रास्ता कोई नहीं देता गिराने के सिवा
गिर कर भी संभल सकता हूं मैं
सोच कर ये मैं उठ खड़ा हुआ
मैं फिर से चलने को तैयार था
भूख प्यास भूल बैठा
चंद खिलौनों से मैं कहा बहलने वाला था
ख्वाब उम्मीदों पर बना आशियां मेरा
राख हो जाए न मेरी हार की आग से
सोच ये डर से सफलता की आश में
अपनी क्षणिक इच्छाओं पर मैं
नियंत्रण करना सीख बैठा
-Ekta #एलसोच-
तू तसल्ली पर तसल्ली देता रहा सब ठीक हो जाने की
वगरना थक तो चुके थे हम एक अर्शे पहले ही
हम ये सोच कर फिर लौट आए
की काटों पर भी आराम बहुत है-
मुझे देख खूब ख़बर पढ़ने लगे हो तुम
खुद में ही मेरी कहानी गढ़ने लगे हो तुम
सुना है तुम्हारे शब्दों का इज़हार न हो सका
तभी तो चहेरे से बीमार लगने लगे हो तुम
तुम्हे नहीं लगता इंसान कम
अखबार जियादा लगने लगे हो तुम....-
हाथों में मोम्बतिया पकड़ने से क्या होगा
अगर शांति से ही बात हो जाती
तो क्यों स्त्री के सम्मान के लिए
महाभारत और रामायण रची जाती......-
घर आकर जो प्रेम से खाना खिलाता है किन हालातों में वो पिता पैसे कमाता है आप को नही पता सच में नही पता की आप को बनाने के लिए वो कौन सी जिन्दगी जी रहा है
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They are been such a heinous incident in the country that you will get goosebumps
Millions of brother in our country will tie Rakhi to protect their sisters to protect them ..from whom ?? from our own society
the incident in a Kolkata has been shown how our society is a failing women's......
(Caption 👇🙂)-