हमारी जिंदगी एक सीढ़ी की तरह है, जिस प्रकार अगली सीढ़ी पर चढ़ने के लिए, पिछली सीढ़ी को छोड़ना पड़ता है, उसी प्रकार अगर जिंदगी में आगे बढ़ना है, तो अपने कल को कभी साथ लेकर ना चले |
पत्थर की ये दुनिया, किसी के जज्बात नहीं समझती, दिल में जो है दर्द किसी के वो दर्द नहीं समझती | अकेला तो चांद भी है यहां, लाखों सितारों के बीच, पर चांद का दर्द बेवफा रात नहीं समझती |