Ekta   (Ekta#एक सोच)
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Joined 11 January 2023


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10 MAR AT 23:44

What's in it?
It's a waste of time
Focous on your academics
Focous on your life goals
And work on them to achieve it
It's a tym waste ....

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9 MAR AT 14:09

देखो ना वो अलग मिजाज़ संग तुम्हारे रच रहे हैं
अलग रवैया में खुद को ढाल रहे हैं

ये तो तुम हो जो एक वक्त को अरसा समझ
जिन्दगी का हिस्सा बना रहे हो

पर वो तो तुम्हे एक किस्सा बना भुला रहे हैं ......

अब ये वक्त की चोट है या फिर
सोच समझ कर लिया गया फैसला

कोमल मन ....
समझ ना भी तुम्हे है और संभल ना भी तुम्हें है

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9 MAR AT 13:47

लोग कहते हैं आसान है .....सदा जीवन जीना
दुनियां की चाका चौंध के आगे
खुद को सादगी से भरी झिलमिल चद्दर में ओढ़ पाना

क्या आसान है हर एक मोड़ पर दुख के आगे मुस्कुराना और सामान गति के साथ आगे बढ़ना
लोग कहते हैं आसान है
जो अपना है उसे अपना कहे कर उनमें रहना
बीते दिन उनकी चालाकियां नजरंदाज करना
आसान है उन्ही अपनो के बीच ख़ामोशी में जीना

लोग कहते हैं आसान है
मेहनत करना और सफल होना
आसान है बार बार असफल हो कर भी
सफलता का इंतजार करना
दिन रात हार जाने के खायलातों से अकेले ही जूझना
फिर घर वालों को ये आश्वासन देना सब ठीक है
और जल्दी हि साब ठीक होगा

लोग कहते हैं आसान है
गांव छोड़ शहर आना
शहर की भीड़ में खुद को अकेला पाना
महीने की सुरवत में ही खर्चों का हिसाब लगाना
फिर भी खुश होना जब भी घर से फोन आए
आसान है सब ठीक है कहे कर मुस्कुराना

लोग कहते हैं आसान है
बढ़ती उम्र के साथ
समझदारी का ताज अपने सिर लेना

आसान ही तो है समझदारी से अपनी जिमेदारियों को अपने जीवन का लक्ष्य बनना
दिन रात बढ़ती उम्र के साथ धार्य बनाए रखना
अपनी खुशियों का गला घोट
सब ठीक है कह कर मुस्कुरा देना ......

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2 MAR AT 21:46

आजमाने दो वक्त को भी ...
जमाने से तंग मिजाज़...... हैरान परेशान

सब्र ऐसा की दरिया भी पानी-पानी है
वक्त अब जब मिला है तो मुकम्मल हो जाने दो

अब ये तुम्हारी जरा सी कोशिश
.....................कातिब -ए -तक़दीर तो नही

सब्र रखो अब मुट्ठी कस ही ली है तो ...
असर में भी वक्त लगेगा

तुम्हारी ये जरा सी हार
.................... कातिब ए तक़दीर तो नहीं...(⁠.⁠ ⁠❛⁠ ⁠ᴗ⁠ ⁠❛⁠.⁠)

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13 FEB AT 23:21

"मुझे तुम से प्यार है....
तुम हारो या जीतो...
मैं हर दफा तुम्हारे साथ हूं "

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12 FEB AT 17:51

"हमको पता है अपनी खामियां, अपनी कमियां,
फिर भी शिकायतें औरों से है ".......

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3 FEB AT 14:35

हर कोई अब हुस्न की चाहत का रस करता है
है कोई क्या ऐसा मनचला भी
जो मन की सुंदरता का वर्णन करता है.......

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27 JAN AT 16:37

हसीं गुनाह किए जा रहे बहुत रात गई
अब सो भी जाएं ए दिल-ए-मुसाफ़िर

तुम्हे मालूम नही गलत राह-ए-शौक में
रह रह के सितारों को भी नींद आती है

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27 JAN AT 12:24

पहले से तय था उस सूरज का अस्त होना
जो तुम ने चांद की छाया में बनाया था
पहले से तय था तुम्हारे उस वादे का टूट जाना
टूट कर उस वादे का बेअवाज शोर मचाना
तुम ने तो सुन कर सफल प्रेम कहानियां
समेट लिया अपने मन का तरल गरल
पर उसका क्या जिसने पहले ही तुम्हे चेताया था
की एक दिन को खो जायेगा
तुम्हारा यह नया नया नवनीत कोमल अहसास
सब से बुरा अब और भी क्या होगा
जो जगाई थी तुम ने उसकी हसी अपनी फरेबी मुस्कान से
सयाद पहले से तय था उस हसी का मर जाना
पहले से तय था तुम्हारा यूं इश्क की कहानियों में बिखर जाना
बेबस कहानी फुसफुसा सके तुम तक
ऐसी तो उनकी औकात भी नहीं
उसने आवाज भी तो लगाई तुम्हे एक बार नही कई बार
पर मालूम तो उसे भी है
आसिम पछतावे के साथ गर तुम लौट भी आओ
पर नही लौटता तो वो है खोया हुआ विश्वास
पहले से तय था छल भरी इच्छाओं का निगल जाना
हमारा और तुम्हारा साथ ......

-Ekta #एकसोच




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26 JAN AT 14:36

कोई जीता रहा इस भ्रम में
की सफ़ेद चादर ओढ़े वो महफूज है
कानून की निगाह में
कोई मरता रहा दर बदर नियम संस्थापन की सीढियों पे
जगा समाज तब
जब जल उठा एक मासूम अन्या की आग में
लोग दौड़े ये पूछने को तपन कितनी तेज थी
देखो गलती उसकी थी
वजह घर उसका शहर से दूर
गांव की छोर पर था
कैमरे वाले भी आए
मुद्दा पुराना मालूम पड़ा
ख़बर में तो पड़ोस मूलक से आया तोता था
जांच पड़ताल जारी थी
क्यूं की तोते का रंग हरा और चोंच केसरिया थी
लोग उलझे रहे हिंदी और उर्दू में
धर्म जो छिना उनसे वो अलग
कतल ए गरीब सारे आम हुआ
देख तमाशा तालियां बजीं
मुद्दा वयप्त भ्रष्टाचार बेरोजगारी शिक्षा स्वस्थ का
यूं ही दब कर कहीं सीतमगर हुआ
और मैं ने भी बोला जय श्री राम
ये संस्कृति तो नही
पर वो क्या है ना मुझे भी #trend करना था

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