ये कौन सी मिट्टी की गुड़िया मुझे
बना दिया तुमने बाबा
मै कितना भी बिखर जाऊँ
अब आवाज़ नहीं होती I
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किसी की ऊंची आवाज़ तक ना सुनने वाली,
किसी की बदतमीजी को माफ़ कर गई।
चाहती तो कर सकती थी उसी के लहज़े में बात उससे,
उसका मान रखने को वो चुप-चाप सुन कर आ गई।।-
खींच लेती है मुझे
उसकी मोहब्बत
वरना मैं बहुत बार मिला हु
आखरी बार उससे-
उसे तो मैंने कब का भुला दिया,
••• "पर उसकी याद" •••
•• कम्बक्त ••
आज भी दिल को तड़पाती है.!-
उसको पाने की ख्वाहिश में
मै ऐसा पड़ गया
ना वो मिली
ना दिल मिला
खाम- खा मै खुद से ही भिड़ गया I-
रो के तुझ को दिल लगाने का दिल करता है
तु मेरा नहीं है, ये जानते हुए भी
ना जाने क्यू तुझे चाहने को दिल करता है।-
मेरी सभी अधूरी नींदो का हिसाब तो दे
मेरे सवालो का ना सही
मेरी बातो का जवाब तो दे I-
जिंदगी बेवफ़ा है ये माना मगर
हर चीज़ से दिल लगाने का मज़ा अलग है।-
अब कुछ बचा नहीं है कहने को
उसके मेरे दरमिया
उसने धीरे धीरे अब
ख़ामोशी की दीवार जो बना दी I
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