झूठ बोलना मेरी फ़ितरत नही.
भरोसा करना मेरी आदत है.!
कभी तो तेरी चाहत थी.
आज तो तेरी आदत है.!-
अपने ज़िन्दगी के खिलौनों मे,
ज़रा फ़िर से तफ़्तीश करना.
सबसे सस्ता खिलौना मैं ही मिलूंगा,
येह बात याद रखना.!-
उनकी सलामती की दुआ हर रोज़ करता हूं.
आज भी उनसे इस तरह प्यार करता हूं.!
कभी तो होगा एहसास उनको गलती का.
कम पड़ जायेगा आंसू येह बात करता हूं.!
देखे बिना नब्ज़ हाल उनका बता दूं.
दिल में कौन है पूछें तो बता दूं.!
छत पर रोते हैं आज भी रातों में.
अब क्या होगा बोलो तो वो भी बता दूं.!-
वक़्त गुज़र गया तो क्या हुआ.
वो बिछड़ गया तो क्या हुआ..
याद आती रही उसकी हमेशा.
वो नहीं मिला तो क्या हुआ..-
_____________________________
मेरा साथ उनको अच्छा नहीं लगता.
मेरा ख्याल उनको अच्छा नहीं लगता..
किसी मतलब से वो कभी बोल दिए.
-----नहीं तो-----
मेरा बात भी उनको अच्छा नहीं लगता..!
______________________________-
'खामोशियां' में तुमने बहुत कुछ कह दिया.
-----------------
पूरी करने की फिराक में अभी से लगा हूं..!-
___________________________
तेरे वो "लफ्ज़" मुझे आज भी याद है
-----जो तुमने-----
भीगी आंखों से सिसकर, लिपटकर
मुझसे बोले थे..!
___________________________-
'मतलबी' दुनिया को समझते थे.
'मतलबी' वो निकले..
दुनिया का तो फितूर था.
पर रंग तो अपना वो बदले..-
"परवाह" मैं आज भी करता हूं
"परवाह" वो किसी और की करती हैं..
एक भी लम्हा मैं याद ही ना आया
अब वो किसी और की बातें करती हैं..!-
Unke 'Alfazo' Se Kuchh 'Alfazo' Ko Apne 'Alfazo' Me Tabdeel Karta Hun..
Yah Gunah Ekbaar Nhi Baar Baar Karta Hun.
Unko Kabhi Ehsaas Toh Hoga Mere 'Alfazo' Ke Baare Me
Kam Pad Jayega Unka 'Alfaz' Yah 'Alfaz' Kahta Hun..!
-