जहाँ ना पहुंच सके गाडी, वहां पहुंचे पहाड़ी💚😂✌️
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ऐगे चैत यू बंसती बहार लीक
फूल मां फूलार लीक
फ्योलीं बुरांश खिलिगे बणो मां
बच्चा-बच्चा खुश म्यार पहाड़ मां
डेली-डेली फूल पडी गे
आज फूलदेई कु त्योहार एगे
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मेरी मायादार मेरी गैल कुछ ऐनी सजिली
जनु गलो मा गुलबंद और नाक मा नथुली।-
अपणि खट्टी-मिटठी छुयो म रैन्द हैसाणी मिथे
ज्वनि कु बथौं म चखुली जन फर उडाणी मिथे..
लुकि-छुपी द्यखणी कभि शर्मै त कभि टक लगै
गहरी आँख्यों कु समोदर म डब डुबाणी मिथे..
बनि-बनी कु गिच्चु बनै छ्वीं लगान्द बस मेरि
छवीं-बतोँ म जिकुड़ी कु भितर लिजाणी मिथे..
लटगा झटगो म हिटिणी लम्बी धमेली हिलेकि
घुन्गर्याला ल्वटल्यो कु जाल म अलझाणी मिथे..
सब्यूं का समडि म पकड़ देंद लाटि हाथ मेरु
अपणा दगड़ छवट्ट सि नोनु जन घुमाणी मिथे..
झणि कब तक दयख्णि रैलि सुपन्या "पहाड़ी"
उडैकि निंद रातोँकि दिन म सुपन्या दिखाणी मिथे..-
पल भर का हंसना है
पल भर का रोना है
जब तक साथ रहे
किसी और को क्या खोना है.-
अपने किरदार से महकता है इंसान...!
चरित्र को पवित्र करने का कोई इत्र नहीं आता.. 🤗-
लोग जेके उत्तरक स्वर्ग कुनी,
ऊ देवभूमि उत्तराखंडक मू रुनी,
पार गंगा किनार एक डान मे म्यौर गौं छ,
जिला पिथौरागढ़, कोठेरा ऊको नौ छ,-