MAD Ng   (Monu Negi (पहाड़ी))
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"उत्तराखंडी"

🕉️महादेव भक्त🕉️
Joined 11 August 2018


"उत्तराखंडी"

🕉️महादेव भक्त🕉️
Joined 11 August 2018
30 DEC 2021 AT 11:22

मेरे बाबा शिव भोले भाले...
मुझको रखते है दिल में संभाले
मेरी सांसों में शिव मेरी धड़कन में शिव
मेरी नस नस में शिव बस रहे है
शिव ये कैसा असर मुझ पे कर रहे है
मेरा तन बदन शिव भक्ति में डोले
मेरे बाबा शिव भोले भाले...
ॐ नमः शिवाय। ॐ नमः शिवाय।
शिव है सबके और मैं तो हूं शिव का
बिन मांगे ही सब वो मुझे दे रहे है
शिव ये कैसा असर मुझ पे कर रहे है
सारी दुनिया के है वो रखवाले
मेरे बाबा शिव भोले भाले...
ॐ नमः शिवाय। ॐ नमः शिवाय।
शिव बैठे है धुन में मैं शिव की धुन में
सुख देकर मेरे दुख हर रहे है
शिव ये कैसा असर मुझ पे कर रहे है
मुझे चिंता न भय वो विष पीने वाले
मेरे बाबा शिव भोले भाले...
ॐ नमः शिवाय। ॐ नमः शिवाय।
सबको कुछ चाहिए मुझको शिव चाहिए
मैं शिव का शिव मेरे हो रहे है
शिव ये कैसा असर मुझ पे कर रहे है
बिन मांगे ही हमको सब दे डाले
मेरे बाबा शिव भोले भाले...
ॐ नमः शिवाय। ॐ नमः शिवाय।

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23 DEC 2021 AT 12:09

ठंड के मौसम में गर्मी मिली है

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12 DEC 2021 AT 8:09

रहते है कुछ लोग
नफ़रत के बीज हज़ार
बोते है कुछ लोग

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1 FEB 2021 AT 12:22

संघर्ष का पकड़ हाथ, लेकर कलम हौंसलों की
निरंतर शब्दों को संजोने का अभ्यास कर रहा हूँ
आज फ़िर से लिखने का प्रयास कर रहा हूँ..

कुछ परिश्रम कुछ अनुभवों से सीख लेकर
निश्चित ही मिलेगी सफ़लता आस कर रहा हूँ
आज फ़िर से लिखने का प्रयास कर रहा हूँ..

हौंसले कर दृढ़, मन में लेकर अटल अटूट प्रण
मज़बूत हर कदम अपना विश्वास कर रहा हूँ
आज फ़िर से लिखने का प्रयास कर रहा हूँ..

मन में उपजे खयालों के बीज खाली पन्नों में बोकर
पानी है जो मंज़िल उसे अपने पास कर रहा हूँ
आज फ़िर से लिखने का प्रयास कर रहा हूँ ..

कुछ बिखरे शब्दों को बहुरंगी माला में पिरोकर
हृदय में अपने उन शब्दों का वास कर रहा हूँ
आज फ़िर से लिखने का प्रयास कर रहा हूँ ..

कलम और प्रकृति से करता प्यार 'पहाड़ी'
मेहनत, लगन से दृढ़ आत्मविश्वास कर रहा हूँ
आज फ़िर से लिखने का प्रयास कर रहा हूँ ..

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15 DEC 2021 AT 12:27

फूल जैसी..
बिल्कुल भी ना लगे
भूल जैसी..

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7 OCT 2021 AT 10:56

मिल गई मुझको..
लगता है गम में भी खुशी
मिल गई मुझको..

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5 OCT 2021 AT 12:04

क्यों बन गए गधे
क्या हुआ ऐसा
ये रूप है कैसा?
जो तुमने ले लिया
ऐसा क्या पिया?
बदल गए तुम
हो गए गुमशुम।
😄😜😃

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5 OCT 2021 AT 11:28

खिल रही है
धीमी-धीमी खुशी
मिल रही है

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4 OCT 2021 AT 11:12

रिश्तों का हिसाब नही कर पाया

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27 SEP 2021 AT 10:39

कितनी है गहराई पता चल जायेगा
जीतेगा वही जिंदगी के इस खेल में
जो गहरे समुंदर को पार कर जायेगा

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