इश्क है तो जाहिर कर,
बना कर चाय हाजिर कर,
अदरक डाल या डाल इलायची,
कुटकर मोहब्बत भी शामिल कर...!!😘😍-
सुकून की तलाश में
किधर जाए...
ऐ बनारस!
तेरे पहलू में
हम समा जाए...-
तुझसे और चाय से इश्क जाहिर क्या करना
ये तुझे भी पता है तू बहुत जरूरी है बेचैन जिंदगी में
चाय की तरह ,तेरी बातें इलायची सी मेरी अदरक सी बातें हम दोनों के एक दूसरे का हाल सुने बगैर सब अधूरा है जिंदगी में।-
तुम गंगा सी पवित्र ,मैं अस्सी का घाट हो जाऊं ।
तुम काशी की कुल्हड़ चाय, मैं बनारसी चाट हो जाऊं ।।-
हर सुबह सुहानी बनारस की
हर गली की हर एक घाट की,
है कचौड़ी जैसी चटपटी भी
उसमें जलेबी जैसी मिठास भी,-
तू घुल जाती है मुझमें ऐसे
जैसे घुल जाता है मीठा पान कोई...
ऐसा लाल रंग अनमोल है
इसका होता न दाम कोई...-
मुहब्बत की चाय है जनाब
जरा धीरे से खौलती है
तेजी से खौल जाय तो
भूचाल आ जायेगा साहब-
ऐ बनारस!
तेरे बारे में क्या कहूँ मैं,
तेरे यादों की बारिश में
हर रोज़ भीगती हूँ मैं...-
पुरवा भर इश्क़ बनारस
होंठो से लगा लूँ अपने...
मैं मस्त मगन हो जाऊँ
सजा लूँ कुछ मीठे सपने...-