आर्यभट्ट के शून्य खोज का नतीजा भुगता हूँ मैं,
प्यार के हक में मुझको शून्य कह के छाँटा गया!
वात्स्यायन के काम, मेरे काम में हुआ भेदभाव,
उसके काम को कहा कला, पर मुझे डाँटा गया!
एक जायज शिकायत है मेरे और विंची के बीच,
मोनालिसा अमर, पर मेरी को कम आँका गया!
गैलीलियो और मैने तलाशा ग्रहों को आसमाँ में,
पर मेरे चाँद को दरकिनार कर मुझे हाँका गया!
दशरथ माँझी और मेरा जुनून था करीबन एकसा,
उसने बना दिया रास्ता मुझसे पहाड़ बाँटा न गया!
मुझ में और सुकरात में, बस फ़र्क इतना ही रहा,
पी गया वो जह्र पर मुझ से न विष फाँका गया!
सबने माना "राज" फक्कड़ और है कुछ बदजुबाँ _राज सोनी
पर खरा उतरा है जब भी परखा और जाँचा गया!-
कोटि कोटि नमन हे भूदेव 🙏
विश्व में झंडे गाड़ दिए भारत के🚩
युगों युगों तक वंदन करेगा ये जग🙌
हे प्रणेता विज्ञान और गणित के 📙
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ज़िन्दगी ग़लतियों का पुलिंदा सा है।
सीख लेकर चले जो चुनिंदा सा है।
वक़्त के हाथ की कठपुतली बने जो!
उनसे उनका ख़ुदा भी शर्मिंदा सा है।-
एक दिन आर्यभट्ट बैठे बैठे
रिश्तेदार गिन रहे थे,
जो बुरे वक्त पर काम आए हो
और बस यही से शून्य की खोज हुई।
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गर्व है मैं बिहारी हूँ,
सच है सबों पर भारी हूँ।
उपहास करते हैं सभी,
डूबती कश्ती का साहिल हूँ।
परंपरा है डूबते को पूजना,
वहाँ का एक अदना निवासी हूँ।
सदियों पहले नालंदा से पहचान थी,
यहां आर्यभट्ट दिनकर जैसे अवतारी है।
गणतंत्र की शुरुआत हुई जहाँ,
अशोक चन्द्रगुप्त जैसे राजा प्रतापी है।
राजनीति बसी हुई है हर नसों में,
मैं उसी बिहार का एक वासी हूँ।
जीरो का खोज,किया सुलभ विज्ञान,
ज्ञानियों की कमी नहीं,ज़रा भी नहीं इसका अभिमान ।
देख लोगों की मनोदशा को हुये थे परेशान,
चिंता छोड़ चिंतित हुये और त्याग दिये थे घर संसार।
किया तप साधना और पाई मुक्ति धर्म ज्ञान,
दुःख दूर करने के लिए बौद्ध धर्म का किया प्रचार।।
बिहारी सूचक ये अपशब्द नहीं,
बिहारी होना है अपनी शान मान।
लोगों को नहीं बिहारी की पहचान,
ग़र होती पहचान तो देते उनको उचित सम्मान।
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"आर्यभट्ट" एक दिन
बैठे-बैठे रिश्तेदार गिन रहे थे,,,
जो बुरे वक्त पे काम आयें.🤔
बस यही से शून्य की खोज हुई...🙄-
मैंने अपना दिल तुम्हे दिया ,
पर तुमने उसका क्या किया ।
रखा भी नही संभाल कर ,
टूटा दिल ले कर , जाने भी ना दिया ।।-
आसमां को भी मुट्ठी में करने का फ़ौलाद रखते है,
हम भारतवासी हर काम में अव्वल आना जानते है।-
जब तक तुम साथ रहीं हिसाब ना आया,
तुम्हारे जाने के बाद मैं आर्य भट्ट कहलाया...-