अक्कड़ बक्कड़ बंबे बो डीज़ल नब्बे पेट्रोल सौ,
सौ में लगा धागा सिलेंडर उछल के भागा।😂🤣-
क्या लिखूं और कितना लिखूं,
दिल के एहसासों को......
जिंदगी भरी पड़ी है सब,
अनकहें अल्फाज़ों से.......-
खामोशियां,
अल्फाज़ों को बया नहीं करती,
पर ,
दर्द को छुपा भी नहीं सकती !!-
हे हमराही, महफूज़ है दोस्ती का प्रेम तेरे मेरे अल्फाज़ो की इन लकीरों में,
ए दिल
यूँ ही नहीं मैं रोज़ उतारा करता हूँ तुझ को ल़फ्ज़ो की इबादत शायरी में...
पंख लगा कर उड़ नहीं सकते मेरी शायरी अल्फाजों के संदेशों की चिट्ठी बन..
हमसफ़र कैसे तुझ को यकीन दिलवाये, अल्फाज और एहसास दोनों भारी है इसमें..
इस नाचीज़ के लफ्ज-ए-जज्बातो का इतना सा फसाना है,
सिमटे तो दिल-ए-आशिक बिखरे तो जमाने का फसाना है..✍🏼🐦-
अल्फाज़ो सा तू, रूहानी है
तेरी मेरी भी क्या कहानी है
चंद्रकलाओ सा तू, चाँद, मेरी अधूरी रातो का...
कभी थोड़ा-सा,कभी ज्यादा-सा...
हमारी थोड़ी-सी, मुलाकातो सा..
प्यार सा तू, अहबाब सा तू..
ख्वाब सा तू, एहसास सा तू
गरूर भी तू.,मेरा नूर भी तू
दिल भी तू, मेरी जान भी तू
दूर है, फिर भी पास है तू
रूह में उतरा हुआ,आफताब है तू
आँखो की नमी है तू...
पूरी नहीं हो सकती, वो कमी है तू
तेरी मेरी भी क्या कहानी है...
अल्फाज़ो सा तू, रूहानी है...
~दीपा गेरा-