Anurag Singh   (333ANU #Teri_Hi_Baat)
109 Followers · 31 Following

कोई तो हो जो दिल के करीब आकर धड़कनो को पढ़ ले ❤️
Joined 17 March 2020


कोई तो हो जो दिल के करीब आकर धड़कनो को पढ़ ले ❤️
Joined 17 March 2020
22 AUG 2024 AT 13:29

ख़्वाबों में मिलने से बेहतर लगा कि
तुमसे मिल कर ही तुमको जान लेते हैं,
मन्नतों और दुआओं में तुम्हें क्या मांगें,
चलो! आज तुमसे ही तुमको मांग लेते हैं।
❤️

-


22 AUG 2024 AT 7:17

हमेशा दुनिया खूबसूरत नहीं रहती
हमेशा दरख्त हरे नहीं होते
हमेशा दुख भी नहीं ठहरता है
हमेशा जीवन नहीं रहता है
हमेशा ईश्वर भी पूजे नहीं जाते हैं

कुछ भी हमेशा के लिए नहीं है
किंतु तुम्हारे लिए मेरा प्यार
हमेशा रहेगा
मैं रहूँ या ना रहूँ ❤️

-


22 AUG 2024 AT 0:40

प्रिय!
मेरे लिए तुम भी लिखना एक चिट्ठी
संग रखना उसमें अपने आंगन की
थोड़ी सी मिट्टी
अपने ख्वाबों का एक रखना संसार
रखना उसमें सरसों के फूलों का उपहार
अल्प नहीं विस्तृत तुम कहना,
गाँव, गलियों, पोखर, और
संगी साथी, बाबा,अम्मा का समाचार
सुनो!..
पन्नें पर जो बचे जगह तो उसमें
रख देना मेरे लिए थोड़ा सा प्यार
तन्हाई में गा रहे पपीहे का कोई गीत लिखना
सावन में झरती एक एक बूंदों का
पत्तों पर तुम प्रीत लिखना,
लेकिन भूलना नहीं, चिट्ठी संग रखना तुम
दूर्वा, तुलसी का एक पत्ता
संग अपनी खुशबुओं का एक गुलदस्ता
प्रिय!..
मेरे लिए एक चिट्ठी लिखना
बातें गुजरे लम्हों की खट्टी मीठी लिखना।
❤️

-


22 AUG 2024 AT 0:37

मैंने कभी नहीं चाहा तुम्हें इतना कि,
किसी ईश्वर से मांग लूं तुम्हें
तुम्हारे लिए कभी इतना प्रेम नहीं उमड़ा कि
तुम्हारी तलाश में अनन्त यात्रा पर निकल जाऊं
नहीं हो सका, इतना समर्पित मैं कभी कि
तुम्हारी वेदनाओं को अपने हृदय में बांध सकूं
मैंने केवल तुम्हें इतना ही चाहा
जितना चाहता है एक बगुला अपने साथी को
तुम्हारे लिए केवल उतना ही प्रेम है मेरे पास
जितना प्रेम बचता है, मरते हुए प्रेमियों में
और, केवल उतना ही समर्पित हूं मैं तुम्हें
जितने समर्पित थे शिव सती के लिए।
❤️

-


24 APR 2024 AT 18:13

खुशनुमा आँखें और दिली मुस्कान...

बिन श्रृंगार के उसका सबसे प्यारा श्रृंगार है...!!

-


18 APR 2024 AT 16:40

वो पुराने शहर में सड़क पार करते हुए,,,
तुमने मेरी जिस शर्ट को अपनी उँगलियों से पकड़ा था!!!
वो तुम्हारी याद में उधड़ रही है,,,
आ जाओ न सुईं धागा लेकर...!!!

-


16 JAN 2024 AT 16:31

सुनो ना...
हिस्से मेरा तुम्हारा सिर "अपने सीने पर रख सुलाना बाकी है...

-


15 JAN 2024 AT 14:42

रात के सन्नाटे में सिसकियों के साथ करवट बदलते हुए देखते हो कि!
तकिए की वो करवट गीली है,चेहरे पर हाथ फेरते हुए लगता है की!
आँखें सूजी हुई है

-और फिर अचानक मोबाइल की सूनी स्क्रीन देख कर "फिर से,
यूंही ही बेवजह आंसू बहने लगे तो, समझ लीजिएगा कि
आपने अपने हिस्से का रिश्ता निभाया है।।

-


14 JAN 2024 AT 23:50

यादों का अलाव ,,,
और ...
ये सर्द रात !!!

-


13 JAN 2024 AT 3:02

तुम जैसा चाहो वैसा सही
प्रेम मानो तो प्रेम सही...
और इंकार कहो तो मेरी मौत सही....।।

-


Fetching Anurag Singh Quotes