सोच लो...
यह पहला इश्क है....
और तुमने कहा थोड़ी फिकर,थोड़ी उम्मीद
बेहतरीन इश्क है तुम्हारा.....
कहा तो हमने भी था तलब,बेकरारी
सब मोहब्बत का खेल है
सोच लो....
लबों पर आकर ठहर न जाए सारी बातें
अनकही सी ये ज़िद तुम्हारी
इश्क और आप हमसे करोगे
हो न हो शुरुआत आप ही करोगे
सोच भी लो....
महसूस हो जाऊ तो मोहब्बत कहना
हसीं भी ,आंसू भी ,खुशी भी, गम भी
इश्क के साथ दर्द
दर्द के साथ इश्क बेहिसाब भी
सोच लो....— % &-
ज़िंदगी मेरी तो इस मे,,खुशियां मेरी,, प्रॉब्लम मेरी,, मर्ज़ी मेरी,,फिर भी मेरे अपनो को ये टेंसन दे री,,क्यों,,,😎
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जिन्दा हूं अब तलक ओर जख्मों का इंतजार बाकी है।
जिन्दगी के पर्ची में अभी अपनों के कई नाम बाकी है।-
जख्म कभी भरने नही देता कोई
मरहम भी लगाने नही देता कोई
वह कोई और कोई नही
अपनो में से ही अपना है कोई-
जरूरत जो खत्म हो गयी
जब तक हमसे जरूरत थी
पैसे ऐंठते रहे
हम भी खुश होकर अपना समझकर
सब कुछ देते रहे
जब बारी आई हमारी
तो मुंह मोड़ गए
भरते थे दम्भ अपनेपन का
वो बीच राह में छोड़ गए
करते रहे दिखावा छलते रहे हमें
देकर अपनेपन का हवाला डँसते रहे हमें
उनसे तो अच्छे जो गैर थे वो निकले
कदम कदम पर साथ खड़े रहे
अपनी जुबा से भी नहीं फिसले
मुँह मोड़ गए अपने...-
राते हो काली अंधेरी तो फलक पर आफताब चाहिये। दुर हो मंजिल पंथ हो पथरीला तो अपनो का साथ चाहिये।
🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏-
मैने उस हर लम्हे को जी भर के जीया भी नही ,के तभी बुलाबा आया जो सायद मेरे हक मै न था, जब ऊपर पहुचा तो मुझ से पूछा गया अपने जीवन में क्या किया तुम ने ...? तो मैने जबाब दिया , तकल्लुफ हुई जब. जब अपनो ने साथ छोड़ा😔
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अपनों का साथ हो तो जिंदगी आसान हो जाती है
अपनो के अपनापन ,स्नेह से
बेजान रिश्तों में भी जान पड़ जाती है
जिनके अपने साथ रहते हो
वही सबसे बड़ा धनवान है
अपनो का साथ बहुत ही मूल्यवान है
छोटी-छोटी मनमुटाव को मिटाकर
अपनो को थामे रखें
हमेशा अपनो का साथ बनाये रखें ....-