कलफ़ लगाए चेहरे पर, हंसकर मिला करते हैं,
जो निकल जाए मतलब, अपने भी किनारा करते हैं,
पहले कुरेद ज़ख्मों को फिर अपनेपन का ढोंग रचें,
गिरगिट के जैसे ही आज, रिश्ते-नाते हुआ करते हैं !-
अपनेपन की दीवारों को खड़ा देंख कर,
नफरत खुद-ब-खुद अलविदा हो गई..!!
Apnepan ki deewaro ko khada dekh kar nafrat khud ba khud alvida ho gaye..!!-
जिंदगी की उलझनों ने, रिश्तों ने, अपनेपन
के दिखावे ने ऐसा उलझा
दिया कि शरारतें तो क्या मसूमियत
भी कम हो गयी।
मैं आपने आप को भुल गयी
और तो और इस चेहरे की मुस्कान भी
फ़िकी पड़ गयी।-
ज़िन्दगी का फ़ैसला है मेरा, क़लम ज़रा सोच कर चलाना।
जो अपनों के ही गले काट दोगे तो फिर बाद में न पछताना।
उसकी इसकी किसकी कितनी सोचोगे और परवाह करोगे।
पता है होनी की ख़ूबसूरती क्या है? उसका बस हो जाना।
मुझे अच्छा लगता हैं मेरे अपनों के दिए हुए ज़ख्मों को देखना
बाकि उनकी क्या ही बताऊँ साथियों उनको प्रिय है अक्सर।
आकर के मेरे उन अनगिनत ज़ख्मों को कुरेद कर चले जाना।
मेरी बातें क्या ही सुनते हो आप सब मैं ठहरा पगला दीवाना।
मुझे तो जो भी दिखता है कह देता हूँ अच्छा लगे या बुरा।
मुझे होशियारी कहाँ समझ आती, नहीं जानता अफ़साना।
कल के लिए नहीं सोचता हूँ मैं, आज सब कुछ करता हूँ।
मेरी बातों का मतलब मत निकालना दोस्तों कुछ नहीं आना।
मेरा हालएदिल जानकर भी जो मेरा दिल दुखाते है दोस्तों।
उन महानुभावों का क्या ही करना क्या कह के क्या बताना।
लगा वक़्त बदल गया है पर मेरे अपने बदल गए हैं "अभि"।
फ़ैसला ये निकला तेरा नाम तन्हामुसाफ़िर है भूल न जाना।-
मेरा परिवार मेरी ताक़त है मेरी शक्ति है मेरी पहचान है।
मेरे परिवार से ही सब है मेरे जीवन में उनमें मेरी जान है।
लाख समस्याएँ आए मेरी जीवन में मेरे पास परिवार है तो।
मुझे हर एक बड़ी से बड़ी समस्या का मिलता समाधान है।
अपने मन की मनमानी करना और परिवार की नहीं सुनना।
मेरे हिसाब से तो परिवार और उनके प्रेम का अपमान है।
आपस में मिल जुलकर रहना और कभी न लड़ना झगड़ना।
इससे ही बनता एक परिवार सुदृढ़ और मिलता सम्मान है।
सबके जीवन में ख़ुशहाली हो और सब सदा हँसते गाते रहे।
अपने अपनों पर जहाँ पर हम सब को बड़ा ही अभिमान है।
ऐसा ही सुंदर परिवार होना चाहिए हम सबका मेरे दोस्तों।
जहाँ ईर्ष्या द्वेष कटुता जैसे न कोई हानिकारक सामान है।
एक दूसरे की समृद्धि से हर्षित होकर मन पुलकित हो जाए।
अपनों की तरक्की देखना ही सभी सदस्यों का अरमान है।
चाचाचाची मामामामी मौसामौसी फुआफूफा का सम्मान हो।
उस घर में सफलता बरसती हैं जहाँ बड़ों का आन जान है।
सौभाग्यशाली हूँ "अभी" मुझे मेरे बड़ों ने आशीर्वाद दिया था।
आज उन्हीं के आशीर्वाद से मेरा ये जीवन साथियों गुलिस्तां है।-
शिकायत हमेशा उन्हीं से होती हैं जिनसे उम्मीदें जुड़ी होती है.......
जहां उम्मीद नहीं होती वहां शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं होती ......
😊-
दूसरे ही काम आए, मेरे अपनों ने तो मुझे छोड़ दिया।
आजीवन विश्वासघात किया और मुझको तोड़ दिया।
परायों ने निःस्वार्थ मेरी मदद व सहायता की है यारों।
अपनों ने हर बार मेरी अंतरात्मा को झकझोर दिया।
पराए आए और बिना किसी रिश्ते के रिश्ता निभाया।
अपनों ने अपनी दुहाई देके मेरा रास्ता ही मोड़ दिया।
पराए मेरे डूबते वक्त में तिनका बन आए और संभाला।
अपनों ने बुरे वक्त में हाथ थामा और फिर मरोड़ दिया।
अपनों ने अपने मन के अनुसार ही अपनापन दिखाया।
जब मन किया अपनाया और मन भर गया छोड़ दिया।
गलती से कोई गलती हो गई तो आजीवन ताना दिया।
मुश्किल से संभलते थे हम, उन्होंने उम्मीद तोड़ दिया।-
रूठो मत अपनों से दोस्तों अपने तो "प्यार करने के लिए" होते हैं।
अपनों पर कभी शक मत करना, वो ऐतबार करने के लिए होते हैं।
वो जो भी कहते हैं "तुम्हारी भलाई के लिए" ही तो कहते रहते हैं।
उनकी बातों का कभी बुरा मत मानना, वो तुम्हारे के लिए होते हैं।
एक दरिया होता हैं एहसासों का जो अपनों के दिल में आता है।
और आकर के फिर चला जाता हैं पर वो हमेशा के लिए होते हैं।
लाख लड़ाई-झगड़ा, बहस और हाथापाई हो जाए उनके साथ में।
पर याद रखना वो तुम्हारा कभी भी बुरा नहीं चाहेंगे, अच्छे होते हैं।
हमारी पहचान-आन-बान-शान होते हैं "अभि" वो जान होते हैं।
उन पर सब कुछ क़ुर्बान मेरा, वो हमारी भलाई के लिए होते हैं।-
अपनेपन का पता खुशी में साथ
देने वालों से नहीं बल्कि जो दुख में साथ
देता है उससे पता चलता है।-
अपनों से दूर हूँ, पर अपनेपन का एहसास है,
दुआएँ करती हिफाज़त हैं, दुआओं में ही ताकत है!-