दिल का चमन उजड़ते देखा, प्यार का रंग उतरते देखा, हमने हर जीने वाले को धन दौलत पे मरते देखा, दिल पे मरने वाले मरेंगे भिखारी सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी सब कुछ सीखा हमने ना सीखी होशियारी
हम भी डरते हैं, अपनी उनसे, नाम नहीं ना लिखेंगे, कहीं से पढ़ ली, तो खैर नहीं, पर आप पढ़िए और हंसिये, कुछ नया सा लिखा है, हमने..... उम्मीद है, आप भी मुस्कुरायेंगे