QUOTES ON #YQPOMES

#yqpomes quotes

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26 JUN 2021 AT 1:23

चाँदनी रातों में÷
रात में चाँद क्यों खोया खोया सा
रहता हैं।
वक्त का किनारा क्यों मिटा मिटा
सा लगता हैं।
रात का साया क्यों अंधेरे सा चुभता
हैं।
चंद्रमा की किरणें क्यों खोई-खोई सी
रहती हैं।
चाँदनी रातों में सब कुछ दबा-दबा सा
लगता हैं।
सब कुछ सुना-सुना सा लगता हैैं।
धन्यवाद-अपराजिता राॅय

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22 SEP 2018 AT 12:40

मुश्किल कुछ नहीं है दुनिया में ,तू जरा हिम्मत तो कर .
ख्वाब बदलेंगे हकीकत में ,तू जरा कोशिश तो कर ..!

आंधियां सदा चलती नहीं ,मुश्किले सदा रहती नहीं ..
मिलेगी तुझे मंजिल तेरी ,बस तू जरा कोशिश तो कर..!!

राह संघर्ष की जो चलता है ,वही संसार को बदलता है..
जिसने रातों से जंग जीती है ,सूर्य बनकर वही निकलता है ..!!!

हौसला कम ना होगा ,तेरा तूफानों के सामने ...
मेहनत को इबादत में ,बदल कर तो देख ....!!!!

खुद-ब-खुद हल होगी ,जिंदगी के मुश्किलें ...
बस खामोशी को ,सवालों में बदल कर तो देख....!!!!!

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25 JUL 2023 AT 13:34

ऐसे मेंहकाया करें
सब के चेहरे
खिल खिल जाया करें
अपनी अदा से
खुशियां बरसाया करें
सबके घर आंगन
इसमें भींग जाया करें

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16 JAN 2020 AT 18:19

जिस राह पर ✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻✍🏻

जिस राह पर हर बार मुझे...
अपना कोई छलता रहा ...
फिर भी न जाने क्यों मै ...
उसी राह ही चलती रही.
सोचा बहुत इस बार...
रोशनी नहीं धुआं दुगी
लेकिन चिराग था फितरत से
जलता रहा जलता ही रहा........




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22 APR 2019 AT 13:43

कौन कहता है
मैं अबला नारी हूँ
तुम देख सकते हो
मैं अकेली ही घर गृहस्थी संभालती हूँ
कौन कहता है मैं अबला नारी हूँ

खुद आबाद रहकर तुम्हें और
तुम्हारे घर को संभालती हूँ
यूंँ घनघोर अंधेरी राहों में उलझकर
हर सम्भव सुख देती हूँ

बोलो कौन कहता है
मैं अबला नारी हूँ
तुम देख सकते हो
मैं खुद के सुखो को त्याग
तुमको सुखी बनाती हूँ

कौन कहता है कि मैं अबला नारी हूँ...

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22 FEB 2023 AT 21:54

मित्र वही जो भीड़ में खोने न दे,
और लक्ष्य वही जो रात में सोने न दे.!

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4 MAY 2020 AT 12:39

छोड़ गए तुम एक बार मुझको,
जब वो तुम्हे छोड़ जाय तो दोबारा मेरे पास मत आना
की मिलेंगी हज़ार लड़कियां तुमको,
पर कोई तुम्हारे सपनों को अपनी आंखों में सजा के चले तो बताना
और बेशक सोती होगी वो सुला कर तुमको
पर सुबह जल्दी उठ कर तुम्हारे लिए नाश्ता बनाए तो बताना
की जो चले गए एक बार अकेला छोड़ कर
तो फ़िर दोबारा लौट कर मत आना।

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10 MAY 2019 AT 19:21

তুমি যেনো এক খামখেয়ালি নদী ,
বয়ে যাও আঁকাবাঁকা পথ হেটে ;
তোমার ধারে সবুজ শ্যামল ফসল ,
জীবিকা নির্বাহ করে বারোটা মাসে ..

তবে কেন এমন মনখারাপের মতো ,
আগলে রাখো নিত্যনতুন ক্ষত ;
বাড়িয়ে চলো নিজের নাব্যতা ,
যতটা চাও নিজের ইচ্ছেমতো ...

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17 MAR 2018 AT 12:21

Chal titli ban ud jau mai...
Tujhko bhi sang le jau mai...
Hawa k jhoko me mast jhumu mai...
Bhavre k sang gungunau mai...
Khilte phoolo me chup jau mai...
Phoolo ki mehek me dub jau mai...
Barish ki boondo se bhig jau mai...
Mast gagan me bas ud jau mai!!!!

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