तेरे इश्क के रंगों में कुछ यूं रंगी हूं,
की रंगों से दूर अब कहां जाएं।
दिन में तो तुम साथ थे समझ नहीं आता,
इस स्याही अंधियारी रात में,
तुमसे दूर कहां जाएं।
तुझे भुलाने में शायद अब एक उम्र लग जाएगी,
समझ नहीं आता तुझे भुलाने,
तेरे ख्यालों से दूर कहां जाएं।
जब तुम साथ थे महफिल में रौनक की तरह थे हम,
समझ नहीं आता अब महफिलों में,
अपने अकेलेपन को छिपाने कहां जाए।
अपना हर गम कभी तेरे साथ बाँटा था हमने,
अब समझ नहीं आता तेरे ना होने का गम,
बाँटने किसके पास और कहां जाएं।
Dishu Rastogi
-
अपने दिल को समझाए या कोई उसे बहाने दें
इश्क सिखाए इश्क करें उससे या यूंही जाने दें
न जाने क्या चल रहा है उसके दिल वो जाने
खुद में खोने का मौका दें या मुझे भुलाने दें
लफ़्ज़ों का सुरूर कम होगा मदहोश होने को
आंखों से उतार दें या चढ़ाने को मयखाने दें
चांद तारों की बातें तो हमसे भी नहीं होती यार
हकीकत पसंद आती है तो क्यूं झूठे फसाने दें
एहसास-ए-समंदर मिलता है इश्क-ए-समंदर में डूब के
इश्क-ए-समंदर में डुबाए या किनारों पर नहाने दें
नये एहसास नये जज़्बात सब नया नया सा है
ग़ज़ल शायरी नये शेर कहें क्यू सुना पुराने दें
जितनी हकीकत है उतना ही बताना अच्छा है
अपनी और उसकी आंखों को क्यूं सपने सुहाने दें
-
Those who help others without any expectation will always be happy in life.
-
I don't AGREE with you doesn't mean that I don't LIKE You. It's just my OPINION as of Yours.
-
"Don, t make a" fear "from death ⚰ because, it is the immortal truth of life;!
-
क्योंकि कभी कभी इसी में समझदारी है
थोड़ा थोड़ा रोज़ मरना ही ज़िंदगी है
समझौता ही दुनियादारी है
और फिर मुश्किलों से क्या डरना
उनसे तो अपनी यारी है..
और आज नहीं किया
तो कल तो पक्का तुम्हारी बारी है।
-
हर पल ख्यालों में साथ रहती हो तुम, काश !
असल जिंदगी में भी तुम्हारा साथ में मिल जाता।-