Mere kamre ki kuch cheezo se Rhythm sunayi detey hain, Pankhe ki lehron se Ek badhta rukta shor sunyai deta hai, Ghadi ki suiyon se Tak tak bajta ek saaj sunayi deta hai, Mana ki koi geet nahi sangeet nahi Par sach kahu to Bada apna sa kuch sunayi deta hai.. Ankhein band karke Jab bhi bethti hun Mujhe ashiq sa takta Mera aina dikhati deta hai...
तेरे बोलने से है मेरी गुफ्तगू तेरी मुस्कुराहट से है मेरी हंसी अभी तो चंद महीने ही गुजारे हैं साथ में तेरी सांसे ही है ज़िन्दगी मेरी ये प्यार है या नहीं इतना इल्म नहीं तुझसे ही है अब पहचान मेरी
मैं टुटी नहीं सबने बहूत कोशिश की मेरे पर काटने की, उडा़न रोकने की। क्युँकि मै उनकी दकियानूसी विचारों से सहमत नहीं हूँ मूझे बाँथना चाहते है रस्म के नाम पर रीति के नाम पर औरत होने के नाम पर । औरत हूँ तो क्या ? किसने अधिकार दिया समाज को बंदिशें लगाने की? मेरा भी अपना अस्तित्व है ,वजूद है, सपने है जो मूझे औरत होने के अस्तित्व के साथ उड़ने हैं सपने पुरे करने हैं। अपने उडा़नो को पँख देना है दुनिया को समझाना है अपने नजरिए से।
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Fetching #youforme Quotes
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