मजा ए वस्ल तो है यार के लंबे इंतज़ार के बाद, घणटा कुछ याद रहता है, 'दिल ए बेक़रार' के बाद तेरे हुस्न को किसी पर्दे की जरूरत ही क्या है मेरी जाँ, रहता कौन है होश में ओ जान ए जिगर तेरे दीदार के बाद...
Kisike haseen chehare pe mat jana Kyunki harkoi kabhi na kabhi badalta zaroor he Pahle kehte he bewafaon se pyar karna hi galat Phir ekdin unko hi sudhaar lete he
मत कर तु यकिन अपने हातो के लकीरो पर, ज्यादा तर लोगोको फकीर होते देखा हैं..!! करना हैं यकिन तो कर खुद पर, खुद पर यकिन करने वाले लोग.., सबसे उपर बैठे हुये मैने देखे हैं....!!!