मौत तो नसीब हुई पर जनाजा नसीब नहीं हुआ चीखे निकली उनकी पर पहुंच ना पाईं सत्ताधारीयो के कानों तक पड़ी रह गई कुछ रोटियां और बेबस मांस के लोथड़े जो एक बार फिर सत्ता की भूख की बलि चढ़ गए
अपशब्द कहे नहीं जाते, वो तो निकल जाते है। लड़ाई की नहीं जाती, हो जाती है। और जीवन में कभी भी कोई कांड किया नहीं जाता.... वो तो मौके पर अपने आप हो जाता है। 😂😂😂😂