Mayank Singh Saini   (©Mayank Singh Saini)
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Joined 20 June 2017


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Joined 20 June 2017
12 JUN 2021 AT 1:35

वो खाब्ब था या चाहत थी।
वो चाहत थी या खाब्ब था।।

किसी ने यूं कहा था मुझसे।
के चाहत छूटती नहीं कभी।।

अब कैसे समझाऊं में उसे।
क्या कहूं में उस से अब।।

के वो तो चली गई है दूर।
कोई तो अब मुझे बता दे।।

वो खाब्ब था या चाहत थी।
वो चाहत थी या खाब्ब था।।

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8 MAR 2021 AT 0:44

बातें बहुत हैं मेरे पास।
किसी दिन पास तो बैठो।।

किस्से बहुत हैं जवानी के।
कभी मेरे साथ तो बैठो।।





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24 FEB 2021 AT 23:23

'Me being me' is not same as
'me being me' in front of you.










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19 FEB 2021 AT 20:26

यूँ प्याज़ लगा कर रोना।
कोई बड़ी बात तो नही है।।

में कुछ बातों कहूं और वो तेरे दिल को छु जाए।
कोई बड़ी बात तो नही है।।

तेरा काम निकल जाना और मेरा अंजान हो जाना।
कोई बड़ी बात तो नही है।।

यूँ तेरा मेरे दिल तक जाना और में तुझे पसंद ना आना।
कोई बड़ी बात तो नही है।।

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18 FEB 2021 AT 21:29

No border between India and Pakistan.



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17 FEB 2021 AT 20:10

जो एक बार कह दिया हमने,
उसे थूक कर चाटेंगे नहीं।

तूने एक बार जो ठोकर मार दी,
उठ कर तेरी तरफ देखेंगे नहीं।


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16 FEB 2021 AT 21:09

Home is mom's lap.





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16 FEB 2021 AT 2:08

Being a judge of oneself is far better

than being a judge to someone else.












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16 FEB 2021 AT 1:37

बातों का सिलसिला चलता रहा,
हम भी कभी बोलते कभी हंस देते।

कभी वह देख हमें शांत कुछ बोल देती,
कभी हम उन्हें शांत देख मुस्कुरा देते।

बातें बहुत हुई थी उस दिन हमारी उनसे,
ऐसा नहीं कि नज़रें ना मिली हो उनसे।

लेकिन पता नहीं जो कहना था उन्हें,
वो कभी लबों तक आया क्यूं नहीं।

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29 APR 2020 AT 0:04

कभी कभी जब बहुत मन करता है सिगरेट पीने का,
तो बीडी पी लिया करता हूँ अपनी औकात याद रखने को।




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