दर्द होता है मुझे भी,
कुछ तो उम्मीद कम किया कर ऐ दिल,
इंसान हूँ,
खुदा नहीं..!!-
जितना है,
बहुत है !!
भाग मत बस छोड़ मत, लगा रह !!
I think the most important thing about love is it can be anyone or anything !!
Sometimes it's just a song you wanna hummm all your life
Or it can be the sky you want to chase and it knows your limit
Or dreams you always dreamed and even after failing you never gave up,
Love can be anyone or anything but can never be pain !!!
-
प्रेम का आचरण,
उस मयस्सर नींद की तरह है
जो हमेशा ग़लत वक्त पर आती है !!-
सितंबर 2016 रहा होगा जब मैं पहली बार चन्ना से मिली थी. मुझे नहीं पता था की उसके साथ मैं इतना चल लूंगी क्यूंकि वो रफ़्तार है जो कभी थमता नहीं. पर हमने कर दिखाया. हमने इसलिए क्यूंकि हमारी लड़ाई होने पर भी हमने कभी एक दूसरे से बात करना बंद नहीं किया ऐसा एक बार हुआ था उसमें भी शायद वो दो ज़िन्दगी के बहुत मरहूम दिन थे, जिनमें यादें नहीं सिर्फ पछतावा है. और पछतावे को ज़्यादा दिन साथ लेकर नहीं चलना चाहिए बोझ बढ़ता जाता है. हमने साल में चार बार मिल लेने पर भी उतनी ही खुशी महसूस की जितना आदतन लोग दिन में चार बार मिल लेने पर कर लेते हैं. हमने मिलते वक्त कभी नहीं पूछा ना जानने की कोशिश की इसके एक दिन पहले हमारी लड़ाई की वजह क्या थी क्यूंकि ये हम दोनों को पता था दूरी हम दोनों को अंदर से खा जाती थी और जैसे अपनी पसंदीदा किसी चीज़ को पाने के बाद बच्चा उधम करना बंद कर देता और उसके पहले किया सारा कोलाहल भूल जाता है ठीक वैसे ही हमारे साथ भी था. हमारे पास साथ बैठने के, चाय पीने के, बात करने के, रो लेने के... इतने चंद लम्हें होते थे कि हम उस बीच में कभी एक दूसरे से नहीं पूछते थे की लड़ाई की वजह क्या थी ?
हमने अपने हिस्से का इश्क़ ईमानदारी से किया !!-
मैंने प्रेम किया है उस लड़के से
जिसने खुली सड़क पर कभी नहीं पकड़ा मेरा हाथ
पर थामा है मेरा हाथ सड़क पार करते हुए !!-
लिख कर बताना
की क्या तुम अब भी
दाएं जेब में रुमाल रख कर
बाएं जेब में ढूंढते हो,
ये भी बताना
की बोरोसिल वाले टिफिन का
आखिरी खांचा तुम अब तक भी
वापस नहीं मांग पाए,
लिखना के कैसे आज भी
अदरक वाली चाय का कप
भरते हुए तुम किचन की पट्टी
पर चाय गिरा देते हो !!-
तुम मुझे बस खत लिखना,
खत में अपनी तबियत लिखना,
लिखना के कैसे आखिरी बार ना मिल पाने के मलाल को,
तुम हर शाम ग्लास में तीन घूंट शराब के साथ चार बर्फ के टुकड़े मिला कर पी रहे हो !!-
तुम कुछ इस तरह मिलना मुझे
जैसे मिलता है दर्द को हमदर्द का साथ
तुम कुछ इस तरह मिलना मुझे
की छूट रहा है ज़िन्दगी से बहुत कुछ
मगर सामने पड़ी को एक नई दुनिया
तुम कुछ इस तरह मिलना मुझे
जैसे आंसुओ को मिलता है पश्चाताप का साथ
तुम कुछ इस तरह मिलना मुझे
जैसे मिला है दिसंबर इस बार जनवरी से
जाते जाते देते जाना एक नए बरस की यादें कई !!
-
मैं हर रोज़ रात के एक पहर में चला जा रहा हूं एक सड़क पर, मुझे नहीं पता वो रास्ता कहां तक जाता है ना मुझे ये पता है कि कोई है जो उस रस्ते पे मेरा इंतजार करता होगा, मुझे नहीं पता कि मैं चलते हुए जब गिरने लगूंगा तब कोई हाथ मेरा थाम कर चलेगा मेरे साथ, मैं नहीं जानता उस रास्ते का कोई अंत भी है या नहीं, वो रास्ता तुम हो मेरे जानिब, जिस तक पहुंच कर भी मैं तुम्हे पा नहीं सकूंगा !!
-