Rote rahe sajdo'n me jo dil me liye ummat ka gham padhti rahu main tohfatan apne NABI pe durood har qadam ho rooh jab tan se juda jannat ki janib chale'n daud kar Allaah Allaah tu sunle meri sada HusbunAllahu wa'ni'mal wakeel HusbunAllahu wa'ni'mal wakeel ni'mal maula wani'mal naseer....!!
❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️-
ابھی اک باپ کی سانسیں فقط کچھ لڑکھڑائی تھیں
کہ بچوں نے وکیلوں سے کئ نسخے لکھا ڈالے
حفیظ بن عزیز
अभी इक बाप की सांसे फ़क़त कुछ लड़खड़ाई थीं
कि बच्चों ने वकीलों से कई नुस्ख़े लिखा डाले-
आता है अदालत मुवक्किल हज़ार गम लेकर
भेज देता है वकील ख़ुशियाँ हज़ार देकर गम लेकर
इंसाफ़ दिलाने की लेकर ज़िम्मेदारी आता है वकील
ख़ातिर ए इंसाफ़ मुंसिफ से भिड़ जाता है बुराई लेकर
धूप, गर्मी, बरसात लगातार करता रहता है वकालत
करता नहीं फिक्र ए आमदनी बोझ ए मुवक्किल लेकर
यूँ तो फ़क़त बदनाम कर दिया मुझे झूठ बोलने के लिए
जब ख़ुद फंसते है तो कहते है मुंसिफ ख़रीद लो नोट देकर
बचा लीजिए साहब फ़क़त मुझे महबस जाने से उबैद
मेरे लिए मेरी आबरू मेरे ईश्वर तुम्हीं हो यह बोल कर-
Hum Maangte Reh Gaye Interim Stay Unki Muskuraahat Parr, Aur
Unhonein, Grounds ka Khayaal Kiye Bina,
Petition Ko Dismiss Kar Diya .
-
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी.!
नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ..!!
-
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी….
नज़रें उससे क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ….”
-
मज़बूत दीवारों की महीन दरारों में।
ठोंक कर गाड़ी गयी, मैं कील हूं
अपने लिए जगह ढूंढती, धूल उड़ाती
काले बंज़रों के बीच छिपी
बुर्राख उजाले की महक लिए मैं वकील हूं।
-
जुर्म को झूठ की चाशनी में लपेटती।
कानून के तले छिपे कानून से कानून निकालती
काले कोट में छिपी काली रात से
एक नए दिन का उजाला लाती मैं एक वकील हूँ।-
मैं भी हुआ करती थी वकील,
इश्क़ वालों की कभी,
फिर नज़र यूं मिली वकील से,
की आज खुद कटघरे में हूं।
-