I wish i could be
your breath
rather than your
shadow
which leaves
you alone in the
darkness.
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"एक तू चाहे मुझे और क्या चाहिए
मेरे हक़ मै तेरी बस एक दुआ चाहिए
संग गुज़रे ज़िंदगी सपनों का जहां चाहिए
रहने को तेरे दिल में बस थोड़ी सी जगह चाहिए"-
सुनो न..
जो कहना चाहूं तुमसे वो कह नहीं पाती
बिन कहे ही ये वृष्टि तुझपे फ़ना होगी..।
तुमसे नहीं तुम्हारे रूह से मिलना हुआ है मेरा
इश्क़ की आड़ में फिर से हजारों ख़्वाब मेरी दफ़न होगी..।
देर लगती है शायद दुआ पूरी होने में यहां
टूट चुकी होगी ज़िंदगी जबतक मेरी दुआ क़ुबूल होगी..।
❤️❤️❤️
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सुनो न...
लगाया फिर से दिल मैने आज
कमबख्त ये हर बार टूट जाता है..।
तेरे जाने के बाद इश्क़ में
तन्हा दिल ख़ुद से ही रूठ जाता है..।
अक्श पर जख्म दे गए इतने गहरे
की देख जख्म ये आईना भी टूट जाता है..।
सुनो..
तेरे होने से ही है मेरी ज़िंदगी
वरना ज़िंदगी का सफ़र भी हमसे रूठ जाता है..।
❤️❤️❤️-
सुनो न..
जब से रंगी है मेरी रूह तेरे इश्क़ में
शाम-ओ-सहर और निखरने लगी हूं..
बिखर गई थी लिपटकर जो तेरे आगो़श में
सुब्ह-दम जुल्फ़ों संग संवरने लगी हूं..
होठों की तिश्नगी को होंठो से लगाकर
अहद-ए-शबाब में उतरने लगी हूं..
लफ्ज़ों में बयां अब करूं भी तो क्या
तुमसे मोहब्बत बेशुमार मैं करने लगी हूं..
❤️❤️❤️-
वो मुझे डांट कर खुद रोई होगी
वो तो मांँ है साहब मुझे सुखे में
सुला कर खुद गिले में सोई होगी।
❤
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उनका नाम मेरे नाम से जोड़कर,
मर्यादा को ताख पर रखकर
उन्हें बदनाम क्यों करते हो।
वो इश्क़ है मेरी,
इसे सरेआम क्यों करते हो।
रहने दो ये पर्दा इश्क़ के रुख़सार पर ,
सूरत को देखने की दिलचस्पी में,
अपनी नियत बेनकाब क्यों करते हो।-
भले ही भूल जाओ हर बात
पर मां बाप को कभी भूलना नहीं,
जिन्होंने हमेशा दिया तुम्हारा साथ
उनको कभी भूलना नहीं,
हो जीत तुम्हारी हर पल
इसलिए वो हार गए तुम्हारे लिए
बन पत्थर उनके दिल के जज़्बात को
कभी कुचलना नहीं ।।-
लिखता हूँ दुनिया के लिए,
मैं क्या लिखूं उस माँ के लिए।
शब्दों की सीमा खत्म हो जाएगी,
मेरी माँ के ममता के आगे।
उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
हाथों को पकड़ के लिखना।
मेरी नाराजगी में बड़े प्यार से,
जिसने ने अपने हाथों से खिलाया।
कैसे भूल जाते है वो नालायक औलाद उस माँ को?
जिसने दुनिया के जुल्मों सितम से महफूज कर
अपने लाडले को आँचल में छुपाया।-