दिलकश राहें मोहब्बत की बेशुमार सी लगती हैं,
जो गुज़रो इनकी गलियों से तो बहार सी लगती हैं...
सोचो गर मन में तो ख्वाब सी लगती हैं,
जग-ज़ाहिर होश हवास में भी खुमार सी लगती हैं...
जिंदगी के अनसुलझे सवालों की जवाब सी लगती हैं,
गवाहों की महफ़िल में खुली किताब सी लगती हैं...
ये नूर मोहब्बत की रुहानियत का है जनाब,
जो उलझे हुए ख्यालों में भी तैयार सी लगती हैं...-
~Student 💫✍️
♡PROUD TO BE KVIAN♡
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जबसे लगकर गले उनके यूं करार आया है...
ख्वाबों में लगता है जैसे उनका ही खुमार आया है...
बातों ही बातों में यूं ऐसी हुई मोहब्बत उनसे
लगता है जैसे नाम उनका ही दिल में बेशुमार आया है...-
साथी साथ तुम्हारा हमारा यूंही बरकरार रहे...
जो सपना संजोया था साथ हमने वो हमेशा साकार रहे...
है ख्वाइश हर नया दिन खास हो हमारे लिए
है दुआ दिल से कि हर पल सबका यादगार रहे...-
दिल ने यूं कहा हमसे की क्यों इंतज़ार करते हो
जो मिल सकता नहीं उससे क्यों प्यार करते हो...
जानते हैं हम की हैं चाहत वो तुम्हारी
फिर इज़हार का उनके क्यों इनकार करते हो...-
हिस्सेदार हम भी थे उनकी गुस्ताखी के
मगर समझ गलत फहमी हम नज़रंदाज़ कर गए...
जानते थे हैं शायर महफ़िल के वो अपनी
इसलिए ज्यादा कुछ नहीं बस अपना अंदाज़ कह गए...-
आती हैं नज़र जब खामियाँ
तो बेफिजूल बहाने बनाए जाते हैं...
आख़िर क्यों खुशी के खुद के लिए
यूं बेवजह दिल सताये जाते हैं...-
बात बेईंतहा किया करते थे वो हमसे...
कहते थे साथ आखिरी सफ़र तक निभायेंगे...
भरते थे हामी कहने पर याद रखेंगे ना,
वो ये ना कह पाए कि बीच मझधार तक ही जाएंगे...-
राहें मुस्कुराहटों की
बनती यूं तमाम रहे...
चाहे महफ़िल हो रागिनी की
चाहे यादों की खूबसूरत शाम रहे...-
चलो कुछ दर्द हम तुमसे
बेवजह मांगते हैं...
जीना है संग तेरे जीने की
वजह मांगते हैं...-
वो इज़हार तलाश रही हैं...
खोयी हुई महफ़िल की
वो बहार तलाश रही हैं...
ज़िक्र तो होता नहीं
ना नाम आता है लबों पर,
फिर भी कहीं गुमशुदा हुआ
वो प्यार तलाश रही हैं...-