ये जिम्मेदारियां...
पिता के सर चढ़ी अनगिनत उधारियां..!
सब खा गईं मस्ती मटर-गस्ती और यारियां ...
Must read caption 👇👇
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सनम, इश्क की बहुत सारी उधारियां है तुम पर !! चुकाने की बात करो तो, कुछ किश्तें तय कर लें !!
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Usne hme nafrat di aur,
as you know hm kisi ka Udhar nhi rakhte 😎-
अंतर्मन दग्ध है खिन्न जो उपलब्ध है
शून्य में भ्रमण करे एकान्त में स्तब्ध है
न चिंता कर राह के चढ़ाव की उतार की
लड़खड़ाती चल रही है ज़िन्दगी उधार की!!...
प्रात रवि निकल रहा शाम को नित ढल रहा
जिसकी कृपा के बल जीवन यह चल रहा
यह मानती हुई भला उसके उपकार की
लड़खड़ाती चल रही है ज़िन्दगी उधार की!!...
मनोदशा हो गई नदी के दो कगार की
लालसा लिए हुए हृदय किसी के प्यार की
लड़खड़ाती चल रही है ज़िन्दगी उधार की!!...
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Kya treeka hai business karne ka...
Ek dukan par board lga tha jis par likha tha👇
हम उधार केवल 80 - 90 साल तक की लोगों को ही देंगें , वो भी उनके मम्मी-पापा से पूछ कर।
Ab btao..😂😂😂😂😂😂
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अभी मुझे खामोश रहने दो...
एक दिन ये शोर तुम्हें जरूर सुनाई देगा ।
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काश के तुझे उधारी में इश्क कर पाता...
सूद में मेरा बेइंतहा इश्क ओर भी बढ़ जाता...
होती नाकाम कोशिशें तेरा कर्ज चुकाने की...
किसी को तो बर्बाद होकर भी सब्र आ जाता...-
ये संसार वाले और
" specially this digital "
संसार वाले कभी
अपने नहीं होते
बस जब तक आप उनके पेज पर
likes comments करोगे
तो ही वो आप के साथ होंगे।
अगर यकीन नहीं होता
तो try करते रहना।
Thanks ji-