मैं ईधर, तुमको ढूँढने में खो गईं...!
और उधर ,अब मुझे
पुरा जमाना ढूँढता हैं...!!
-
Yaad mai bimar tujhe isqk bukhar hoga,
Wo jo dia wo udhar rha hoga,
Haath mai jo pakada hai wo hisaab hoga,
Dekhe toh kahi ilaaz iska,
Udhar bhul, hisaab faard bss haath mai rahka jaam chakhna hoga....-
गर कर्ज़ ना होता कुछ चेहरों का मुझपर
तो जिंदगी को गिरवी रख मैं मौत उधार ले आती-
मत पूछो मोहब्बत ने क्या लूटा है
अब जिन्दा भी हूँ सांसें उधार ले के।-
जमाने से हर रिश्ता आज उधार लिए बैठे हैं,
मुद्दतों से व्यापारी जज़्बातों के कर्जदार हुए बैठे हैं।।-
उसका दिया बहुत कुछ था मेरे पास फिर भी मैं उससे कुछ मांग रही थी...
बस वही एक रात जो बीते मेरी नींद और बिना उसकी यादों के साथ जो कबसे उधार रही थी....!-
ना दिखता हे फिर भी होता है तू ,
ज़िक्र तुम्हारा क्या करे हर लफ्ज़ में झलकता है तू-
रहने दे उधार एक मुलाक़ात यूँहीं ,
सुना है उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते।।
😍😍-
शबाब - ए- दिलदार को आज क्या चाहिए
शराब - ए - मस्ती थोड़ा उधार चाहिए-
मुझे प्यार चाहिए, कोई उधार नहीं...
मुझे हमदर्द चाहिए,सलाहकार नहीं...
मुझे एक सच्चा और निश्चल इंसान
चाहिए ,भगवान का अवतार नहीं...-