सुकूं जो क़त्ल कर आ जाए, मुमकिन नहीं है यह,
ख़ुदा भी तुम जैसों को दोजख में ही पनाह देगा!!-
ना मिला प्यार जिंदगी भर उससे,
मगर नफरत दिल से बेहिसाब मिली।
सुना है वो पहली बार ,
मेरे जनाजे में बेनकाब मिली।
♥ ♥ ♥-
ऐ सर्द मौसम तूने भी क्या कहर ढाया है ।
बड़े दिनों बाद महबूब का मैसेज आया है ।।-
रहता हूं किराये के घर में
रोज़ सांसों को बेच कर किराया चूकाता हूं
मेरी औकात है बस मिट्टी जितनी
बात मैं महल मिनारों की कर जाता हूं
दफन हो जायेगा ये मेरा शरीर इक दिन
फिर भी इसकी खूबसूरती पर इतराता हूं
खुद के सहारे मैं कब्रसत्तान
तक भी ना जा सकूंगा
इसीलिए जमाने में दोस्त बनाता हूँ
-unknown-
Vo udaipur ki dil कश shamo ka
Nazara he mera ठाट-बाट hai...
वो he mere sukoon ka पिछोला
Vo he ambrayi ghaat hai . ❤-
जिंदगी के उदास लम्हों में
तेरी याद बहुत आती है मां
बिना तेरे यह दुनिया
मुझे बहुत सताती है मां
अब बिना आंचल के तेरे
मुझे नींद कहां आती है मां
हर एक चीज तेरी
मुझे तेरी याद दिलाती है मां
बिन साये के तेरे
ये बुलबुल घबराती है मां
सुनी ये आंगन बगिया तेरी
अंदर बहुत रुलाती है मां
बिना कहानी सुनाएं अब
कौन मुझे खिलाती है मां
सुना पड़ा गलियारा सारा
कौन खेल खेलाती है मां
अब लौट आ वापस तू
तेरी याद बहुत सताती है मां-
मां के बिना भी पूरा जहान होता है...♥ ♥ ♥
पर उस परिंदे का क्या जिसका माँ ही जहान होता है-
बेटी
नूर से इनकी रोशन है घर का हर कोना
चांद से भी नूरानी होती है बेटियां
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काल का भी काल था, हिमगिरि पहाड़ था,
मां भवानी का लाल वो एकलिंग दहाड़ था,
इतिहास के पृष्ठ में ये प्रश्न अनछुआ ही रह गया,
मेवाड़ से राणा थे या राणा से मेवाड़ था !-