Kyu aaj bhi mujhe
Tumhara zikra karna pada.
Tumko bina bataye
Tumhare ishq me rahana pada.
Me tumko bhul chuka hu
Fir kyu tumhare yado se kahna pada
Tum mere nahi ho fir kyu tumhe
Apna kahana pada-
आँखों के खारेपन से तुम्हारे खालीपन को भरा है
जहाँ तुम नहीं हो वहाँ भी तुम्हारे निशां हैं-
Kisi se itna ishq hua hame,
Likhne par itna majboor kiya mujhe,
Usne kaha to kuch bhi nahi tha,
Magar hum haal e dil apna sunate rahe
Kabhi to usse khuda kaha tha hamne
Ishq me bewafai ka inam mila mujhe
Shukiya ada tumhara kaise karu,
Dil me chupakar me wo pyar hamesha jinda rakhu....
🌷
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सब कुछ पहले जैसा ही है पर,
तुम नहीं हो ....
लोग वैसे ही है पर ,उन लोगों में
तुम नहीं हो ....
बातें वहीं है , पर उन बातों में
तुम नहीं हो ....
कहने को बहुत कुछ है पर, सुनने वाले
तुम नहीं हो ....
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गवा दिया तुमने उसे वक्त की तरह
जबकी वो सुई कि तरह हर वक्त
तुम्हारे साथ चली-
तुम नहीं थे
उन दिनों वो चिराग की लौ जैसे धीमी सी थी
मुझे आहट से लगा के तुम्हारे कदम हैं
मगर बरसात इतनी ज़ोर से पढ़ रही थी , वो पत्ते भीग रहे थे
वो दिया जो कोने में जल रहा था
तेल में पानी घुल्ल गया और आंसुओं की भी बारिश हुई
ग़म इस बात का नहीं के तुम नहीं आए
ग़म इस बात का था कि इन आंखों के इस पानी ने तुम्हारी आंखों का स्पर्श नहीं चखा।
उन दिनों मिलने की आस जैसे फीकी सी थी
नमकीन जैसी शखसियत हो गई
मुझे खयालों से लगा के तुम्हारे ख्वाब हैं
मगर धूप इतनी तेज़ थी के वो जज़्बात से चुके थे
मेरी उदासी में आसमां घुल गया और चांद देरी से निकला
ग़म इस बात का नहीं था के आस ख़तम हो गई
ग़म इस बात का था के मेरे चेहरे पे वो खुशी की लहर देखने के लिए
तुम नहीं थे-
Tum nahin Ho wo
Per ek ladka Hai
Jise Main bahut pyar karti hun
Tumhen pata hai yaar
Main uske piche pagal Hun
Maine khud Ko barbad kar liya hai
Aisa nahin hai ki vah jaanta nahin Hai
Magar kuchh jatata bhi nahin Hai
Usko Chumane ke bade
Khuda ki dahleej per Gai hi nahin
Mano khuda Ne kaha Ho
Tune to sab kuchh Pa liya
Tum nahin ho wo
Per ek ladka Hai.
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