Jo tumko gam itne diye usne,
Tumse tumhara sab le gyi
Kasmei toh khayi hongi tumne khoob
usse fir raabta na krne ki,
Lekin tumhe khud sa hi vo kr gyi.-
Tu aana jrur fir se
Is baar ek janam mere liye lekr,
Pehla pyaar krna hai tumse
Poori ek muddat si lekr.
(Read in caption.)-
वो चिड़िया भी रोज़ की तरह चहक रही है
वो कागा भी वैसे ही जगा रहा है
रोज़ जैसा ही तो सूरज निकला है
वैसी ही हवा बह रही है।
नादान है वो चिड़िया
उस घर में लोग देख कर
उनको महकाने पहुँच गयी
उसे क्या पता उस घर की तो
सारी ख़ुशबू ही अब चली गयी।
ख़बर जो आयी जाने की
कोई उस कागे को भी बता दो,
वो रोज़ जगाने जिसे आया है
वो नींद शायद अब खुलेगी नहीं।
बीमारी का पता सूरज को तो नहीं था
जो होता तो बादल बरसा देता वो भी आज
हवा तो बहुत पसंद थी उनको
शायद तभी समझ नहीं पा रही ये एकांत।
वो चिड़िया रोज़ की तरह ही तो चहक रही है।
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तुम जब भी कुछ सुनाते हो
होंठ नहीं आँखो से मुस्कुराते हो
कुछ और ही लगने लगते हो
एक अलग़ ग़ज़ल सी बन जाते हो।
वो अँगड़ायी जब अदा सी लगे
वो मस्तायी तुम्हारी हया ना लगे
कुछ और ही लगने लगते हो
एक पूरी प्रेम कहानी सी बन जाते हो।
मस्ती तुम्हारी बेमानी सी ना लगे
चाय तुम्हारी मीठी कुछ कम लगे
तुम किस कदर बहार बन जाते हो
तुम ग़ज़ल सी बन जाते हो।
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झूठी सी ख़ुशी पर क़ुर्बान हुए बैठे है
खुद से ही इश्क़ नहीं
पूरी दुनिया पर जान लुटायें बैठे है।-
हर कुछ दिनो में
वक़्त की तरह लौट आते हो
पहला प्यार बन कर चल दो ना यादें दे कर,
मौसम की तरह क्यूँ वापिस चले आ जाते हो-
अब आ भी जाओ
कि इंतेज़ार करते वक्त हो चला
दिन की रात
चाँद भी मुँह मोड़ चुका
तुमने कहा था जल्दी लौटोगे
कुछ देर का काम है
बस निपटा कर आओगे
लोग कहते है तुम खो गये
वो रास्ता अब बस पाँच मिनट का ना रहा
कुछ लम्बा इंतेज़ार करना होगा
बहुत सी रातें काटनी होंगी
वक्त अकेले बिताना होगा।
वो कहते है अब खाना ना बनाया करूँ तुम्हारा
कि तुम्हें अब भूख नहीं
कहीं तुम देर रात आ गये और बोले
खाने में क्या है
बस इसलिए हर रोज़ तुम्हारी पसंद की सब्ज़ी बनाती हूँ।
लोग कहते है वो ले गया उसे
ये दुनिया अच्छों को ले जाती है ना
तो तुमने जो कहा था मैं सबसे अच्छी हूँ
तुम्हें छोड़ कर मुझे ले जाते ना।
अब तुम आ भी जाओ
कि आँसु आते है अब तुम्हारा नाम सुन कर
तुमने कहा था जल्दी लौटोगे
कि कुछ देर का काम
मुद्दत सा बनता जा रहा है।
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