मैं तुमसे बात नहीं करना चाहता,,,,
पर मैं रोज खूदसे,,, तुम्हारी ही बातें करता हूं
देखता हूं अपनी बेटी को,,,,
और तुम्हारे ना होने पर अफसोस करता हूं
कुछ ना कहनें के डर से,,, कितना कुछ खो दिया मैंने
कितना कुछ मिल गया मुझे,,,और उसपर कुछ कह नहीं सका मैं
जिंदगी बिल्कुल शांत सी हो गयी हैं मेरी
और खयालों का सैलाब आया हुआ है
हर पल गुजरता है एक दर्द से होकर
और एक खुशनूमा चेहरा मुरझाया हुआ है-
सोच रहा हूं,,,,,बेटी का नाम
अष्टांगी रखूं,,, तुम्हारा क्या ख़याल है,,,,-
ना हम छोड़ पाए,,,और ना भूल पाए
हमें आता सबकुछ था मगर,,,,
पर हम खुदको बर्बाद कर आए
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मुझे हंसना था हमेशा तुम्हारे साथ,,,,,,
और फिर मुझे,,रोता हुआ किसीने नहीं देखा-
मैं उदास हूं,,,कई सालों से
और मेरे दिल ने,,,, कोई शिकवा नहीं किया
मैं निकल आया था उस गली से
और फिर अकेले में ,,,तेरा इंतजार किया
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मुझे ग़म है इस बात का,,,,
मै तुम्हे लिख नहीं पा रहा
गुज़र रहा है,,,जिस तरह हर लम्हा
एक लम्हा भी मै,,, गुज़ार नहीं पा रहा
तुम्हें याद करता हू,,,और तुम्हारी बात
कहना चाह रहा हू,,, और कुछ कह नहीं पा रहा
बिमार हो चुका हूं मैं,,,,इस मोहब्बत से
लोग नफ़रत करने लगे है,,,और मैं मोहब्बत नहीं कर पा रहा
ढूंढता हू खालीपन,,,इस जहां में
दिल भर चुका है,,,मगर ज़ख्म भर नहीं पा रहा-
मुझसे कोई प्यार करे ना करे,,,,,
मैने कितना प्यार किया,,,,,ये सिर्फ मैं जानता हूं-
मैं कहूंगा तो बातें बहोत लंबी हो जाएगी ,,,,,,,
छोडो ना यार,,,,,,
बात दिल की है ना प्यारे दिल पे लग जायेगी .......-