हां, सरकारें गिरती रहेंगी औऱ सम्भलती रहेंगी,
मग़र इंसान और इंसानियत का हर वक्त सक्षम रहना अति आवश्यक हैं।।-
23 MAY 2019 AT 17:21
15 MAY 2019 AT 6:11
साला हर कोई बगावत पर उतर आया है,
लगता है कामियाबी झक मार के पीछे पड़ी हैं।-
15 MAY 2019 AT 9:13
Power is not which
can be seen by others
in your physical structure,
Power is which you strongly feel in
'yourself'.-
22 APR 2019 AT 17:18
😊
हर रोज सोचता हूँ कि कल कुछ नया करूँगा,
पर ये डेढ़ gb दिनभर में ख़त्म ही नहीं होता साला।-
28 MAY 2019 AT 9:33
मन्सूबे हज़ार थे उनके हमें लूटकर कामियाब होने के,
न हमें कामियाबी मिली औऱ न उनकी साजिशें चली।-
9 JUL 2020 AT 11:51
* तुंबाड *
हैं चीखें उसकी जैसे तीर बरछियां
हवा में पूंछ उठा दे गिरे अशर्फियां-
16 FEB 2020 AT 10:37
Dost(mazak me): subah subah sabse pehle kya ata hai? Chai ya moot?
Me: Panick attack.-
23 JUL 2020 AT 12:11
जो भी दिन गया वो तो काला था !
आने वाले में भी क्या उजाला था ?
उजली थी तो मेरी वासना..
उसी से धुली मेरी आत्मा !
-
9 JUL 2020 AT 12:02
महज़ नाम उसका नींद का अस्तर बना है
खा के आंटा फेंके सिक्के वो हस्तर बना है-