Thakran Ji   (Thakranji)
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Joined 22 April 2019


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7 FEB 2024 AT 0:16

उसका बसता घर नी देख्या कदे ,ता उम्र अपमान सहे गया वो
तू जावै ना मनै छोड कै , या बात हर शख्स तै कहे गया वो

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15 DEC 2022 AT 22:15

जन्नत है तेरे पैरा निचै , देख्या रूप तेरा, चांद आख्यां नै मिचै ,
माटी तै खुशबू आजाद होज्या,हाली जब कोय खेत न सिचै ;

पिछै है तेरे कायनात सारी , तू अ तू है लोगा की जुबान पै ,
मैं लिखूं तनै, दुनिया मेरा जिक्र नहीं ठारी;

तेरे होठा की मुस्कान, महरूम शाम का नज़ारा
कई बार मैं भुल्या भगवान, मनै खुदा नी लाग्या तेरतै प्यारा ;

भरकै ग़ज़ल,शायरी,शेर एक किताब लिखूंगा,
जो बेशकीमती होंगे मेरे,तेरपै निसार वे ख्वाब लिखूंगा;




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5 JAN 2022 AT 7:08

बख्त बदला नही, औकात भूलन चाले है
धरती प पैर टिकते नही , आसमान म झूलन चाले है
हर जिसने बंद राखे मां भाण खातिर इज्जत के किवाड़ , वे शख्स आज हवा ज्यु खुलन चाले है ।

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24 MAY 2020 AT 10:06

ये जिस्म तिरा, ये सूरत , सुना है बाजारों में बिकते है,💥
खैर बेवजह जिक्र किया बेवफ़ाई का ,हम आज भी तिरे इश्क पर लिखते है,❗
अर्सा हो गया दीदार लिए तेरा इं आंखों को,📿
लोग कहते है हम आज भी तिरे इश्क पर लिखते है 👑

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3 JAN 2022 AT 12:29

वो शख्स मरा करता नी तेर प , वो मर गया बेशर्म ।

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27 DEC 2021 AT 9:14

ना मने किसे का चाह राख्या , ना आगअ बढ़न का राह राखया ; राख्या था तेरा इश्क संजो क , गेल्या छुपा क घा राख्या ।

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3 DEC 2021 AT 11:50

मरी हुई रूह ,जिंदा शख्स 🥀
पछतावे की मौत , बर्बादी के नक्श 🏵️

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7 NOV 2021 AT 13:10

कुछ जज्बात लिखअ है , कुछ आशिकी कर ले है
कुछ अपने बन क मार ज्या है , कुछ भूख त मर ले है
कुछ नाराज़गी पी ज्या है टोटे म , कुछ धूमे न भीतर भर ले है
ना अपनी कोय इच्छा नहीं है किसे त डर जान्न की , थोड़े मां बाबू के संस्कारा त डर ले है 🌺

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5 NOV 2021 AT 17:24

कहानी उसकी लिखी जाया करे... जिसकी कहानी खत्म होजा 🦜

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27 OCT 2021 AT 10:29

मैं हांसू हु , वे हांसे है
मैं खुद प , वे मेरे हाल प ।

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