मौत की तलास मे हम भटक रहे है
तेरे से मिल जाने की आस मे जिंदगी और मौत के बीच लटक रहे है..-
बस गई है तू मुझमें...
सुगंँध मेरी, तुझसी आती है...
इत्र कोई भी लगा लूंँ मैं...
खुशबू तो तेरी ही आती है...-
अब तुझसे नहीं...
तेरी तस्वीर से बातें करेंगे...
जीते जी भी हर पल...
तेरे लिए मरेंगे...-
तुझसे ज्यादा समझते हैं...
तकलीफ को तेरी...
माना जिस्म तो तेरा है...
पर जान तू है मेरी...-
चुरा तो में लेता तुझे तुझ से...............
बस और गुनाह करना नहीं चाहता.........-
बस मुझको मिरी शिकस्त की दोहरी सज़ा मिली
कि बिछड़ के तुझसे ये ज़िंदगी दुनिया से जा मिली!-
वफा जो तुझसे निभाना था
वो सारी हम निभा के रहेंगे
है वादा ये तुझसे
तू लाख कोशिश कर दूर जाने की
हम फिर भी तुझे वापस बुला के रहेंगे-
बिछड़ कर तुझ से,
तुझे मैं बिखरता हुआ देखूं,
जो तुम ख़ुद को पत्थार दिल कहते हो,
उस दिल को मैं पिघलता हुआ देखूं।-
Oye Sun,
तुझसे कहाँ
जुदा हूँ मैं ,
इक तुझपे ही
फ़िदा हूँ मैं..!!!!-