उसके बिना हमनें जीना सीख लिया हैं।
दो, चार तस्वीरें जो थी मेरे पास आज उसे
फाड़ कर फेक दिया है।
घमंड हैं उसे हम उसके बिना जी नहीं पाएंगे
इस घमंड को आज हमने तोड़ दिया हैं।
अंदर से टूट गया हूं उसके प्यार में
पर खुद को हर रोज जोड़ने की कोशिश करता हूं
उसके याद में
बुरा ना सोचूंगा और ना ही उसे कभी बोलूंगा
ऐसा करके मैं खुद के प्रेम पर सवाल नहीं उठाने दूंगा
किसी को
वक्त जैसा भी गुजारा था उस हर वक्त में वो मेरी ही तो थीं।
आज शायद इस वक़्त ने उसका वक्त किसी और को दे
दिया इसलिए आज वो किसी और की हो गई कुछ पल में ही
शिकायते तो आज सिर्फ मेरी इस वक्त से हैं
जब भी बदलता हैं हर इंसान को अपने साथ बदल देता हैं।
वरना कसूर उनका भी नहीं था ये वक्त नहीं बदलता
तो शायद वो आज मेरी बाहों में होती हर बार की तरह-
You were the Book, I always wanted to read....
You'd always teach me something new
Make me do something crazier.
You'd not just make me laugh or cry
You'd make me feel alive.
And I loved talking to you
for hours anywhere, everytime.
You gave me the warmth of True Friend.
But most Important
You'd always keep going keep me going.
'You were the book that never ended
and will always remain close to my heart'.
You were the book I never wanted to lose.
But then I lost my dear.
And Now I don't want to read
anyone after that.-
एक टाईम वो था
जब उसे मुझसे बहुत प्यार था
और एक टाईम अब हैं
जब उसके पास मेरे लिए टाईम ही नही हैं-
उस हथिनी और उसके अजन्मे बच्चे को मारकर
इंसान ने महापाप कमाया है...
दया की मुरत दिखने वाले इन मनुष्यों के सिने मे
पत्थर का दिल समाया है...
प्रकृति की शक्ति और प्रचंड़ प्रकोप को शायद यहाँ
कोई नही समझ पाया है...
इसलिए कुदरत ने इंसान के गाल पर करारा और
जोरदार धप्पड़ लगाया है...
पुण्य के मंदिरो में रहने की दुहाई देनेवाला मनुष्य, पाप
के सागरों मे नहाया है...
इंसानियत का खुन किसी और ने नहीं, खूद अत्याचारी
इंसानों ने बहाया है...-
जितने समय तक तुम किसी से जलन करते हो।
उतने ही समय मे, तुम भी उसे जला सकते हो॥-
अब कहाँ रही वो "शामें" इस मोबाइल के दौर में,
जब घंटों बैठे-बैठे अपनों के साथ यूँ ही
समय गुजर जाया करता था।।-
ख़ामोशी से वोह खंडहर_दिल, दास्तान_ए_इश्क़ कह गए...
कैसे इंतजार के नींव पर हसरत के इमारत ढह गए❣️❣️❣️-
वक़्त
अक्सर बोलते हुए लोगों को वक़्त के
साथ खामोश होते देखा है ।।
तब सोचता हूं ,
उनकी शिकायत क़िस्से हैं ।
वक़्त तो चलता है ,
हर मोड़ पर बदलता है ।।
वह कौन है जो बदला नहीं ,
वक़्त रहते संभला नहीं ।
वक़्त के तो अपने किस्से है ,
हर मोड़ पर मेहनत करने वाले के हिस्से है ।।
फिर इस जहां में शेखर वक़्त
कि शिकायत क़िस्से हैं ।।-
आज भी तेरी हर बात मेरी... दिल में हैं।
जो मुझ जैसे मतलबी को प्यार मतलब
का बताता था....!!
और वक़्त अब है, वो खुद भूल बैठा है.
प्यार क्या होता है...!!
Shikha bhardwaj ❤️🖤
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