"तेरी गली से गुजरती हूं आज भी तो वो सारी बातें फ़िर से याद आती है,
निकालना चाहूं हमेशा के लिए जहन से अपने जो यादें मुझे सताती है!
❤
बड़ा मुश्किल है दौर- ए तन्हाई का, व्याकुल सा है अंतर्मन भी,
इस बेबस दिल की बेबसी क्यों इतनी बढ़ती जाती है!
❤
जज्बातों का खेल हो रहा आजकल दिल के नगर में सरे आम,
बेक़दर सा हो गया अस्तित्व फिर भी जीवित प्रीत की पाती है!"-
मेरा दम घुटता है अकेले ,इन
अंधेरी गलियों में...
तू ले चल मुझे अपने साथ,
तेरी गलियों में..-
अपना ठिकाना तो अपने शहर
में ही ना रहा,और मुर्शद.... वो
हमें अपने गलियों में देखने
की ख्वाहिश दिल में लिए बैठे हैं...!!-
Aaj sham teri galiyon se gujri
dhadkano ki raftaar thodi badh si gayi
Yaad vo sare kasme vade aaye
Jise tumne tode or maine nibhaye..!!-
तेरे शहर से गुजर रहे है,
क्या बताएं
क्या गुजर रही है
°°°°°°°°°°°•••••°°°°°°°°°°°
-
Bhatkne de teri Galiyon main Banjaro ki trha,aram ki zindagi bhi tere Bager bejaan lagti hai...✍
-
मेरे शहर से गुजरना बेशक तेरी मजबूरी होगी........ पर तेरा यूं मुझसे मिले बगैर जाना सही है, क्या??
-
गुलज़ार है तेरा कूचा मेरी वफा के फसानों से,
गुरूर से खुद के कभी बाहर निकल कर तो देख ।
-
Aaj sham da vella si..
Teri gali ch gedi laa aayi m...
Tere ghar de mhure vekhdi rahi..
Par tenu naa vekh paayi m...
#5April2020
-
Hum Phir Teri Galiyon Se Roz Guzara Karenge..
Kambakht Yeh Lockdown Toh Khatam Hone De..-