कई रंग है इस दुनियाँ में
मगर मैं सिर्फ़ आपके रंग में रंगना चाहती हूँ-
Duniya Chahti Hai Jiske Rang Me Rangna Wo Tere Rang Me Rangna Chahta Hai.
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तुम त्योंहार हो होली का, तुम ही सारे रंग हो,
इस कदर रंग जाए हम तुम्हारे रंगो में की फिर कभी ना बेरंग हो"-
Agar ishq ka rang safed hai..
toh fir iska rang chadhne se sab kuch rangin kyun lagne lagta hai ?-
रंगो से दोस्ती ,
हो गयी थी बचपन से
ऐसा लग रहा हैं......
जिंदगी में रंग
तेरे आने से भरे हैं।-
न तू हक़ीक़त हैं
ना ही तू ख्वाब
आखिर तू कौनसी मंजिल हैं
जिसके लिये आज भी हम लड़ रहे हैं?-
"तेरा बन गया"
हवाओं के झोके से काजल उड़ा जो
बदन से लिपट के, वो तील बन गया
धड़कता रहा जो वो बेजान हर पल
जो छुआ तुझे आज, दिल बन गया
खोया मैं जिनके खयालों में हर पल
अब हकीकत वो मेरा, हासिल बन गया
झुकी पलकों से मेरी धड़कन बढ़ी थी
वो नजर का उठाना, कातिल बन गया
मुझे चुभते थे कांटों से सारे अक्षर
तेरा चेहरा पढ़ा तो, फाज़िल बन गया
बड़ी गहरी झीलें हैं निगाहें तेरी ये
पलकों की किस्मत, साहिल बन गया
मुसाफिर था मैं, अब अंजाम तू है
तू ही राह तू ही मंजिल बन गया
ना पाना है कुछ और न खोने का गम
जो तुझे पाने के मै काबिल बन गया।-
दिल करता है...
तेरे किरदार में ढल जाऊ...
तेरे रंग में रंग जाऊ...
तुझ सा बेपरवाह हो जाऊ...
फ़िर ख़्याल आता है
हम भी अगर तुम से बन जाएं
तो तेरी परवाह करेगा कौन-