छोटे-छोटे वक्त के क़तरों से
मोहब्बत को कुछ ऐसे सजाएंगे,
तुम बस साथ दो न मेरा,
तुम जमीं पे रहना और हम चांँद तोड़ लायेंगे।
आज बे-खुदी -ए -इश्क में गुजर रही है जो जिंदगी,
उसे सुनहरे अक्षरों में लिखकर दिल में बसाएंगे।
तुम बस साथ दो न मेरा,
वो चांँद भी फीका हो जाएगा
ऐसी चमक बनकर तेरे चेहरे पर हम आयेंगे।
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