छुपाना जो चाहें , छुपाई ना जाए।
भूलना जो चाहें, भुलाई ना जाए।
वो पहली मोहब्बत हो तुम,
बहुत खुबसरत हो तुम।-
सोंचकर तुमको दिल धड़कता है ,
ये मोहब्बत नही तो क्या है ,◆■poet~~tahir faraz■■-
अब रात
बीतती है
चलो घर
की राह लें
लेकिन वहाँ
भी अपने
आलावा
मिलेगा कौन...
ताहिर फ़राज़©-
कभी जुगनू ओ की कतारों में देखा ,
ना तुमसा हस्सी इस जमाने में देखा ,
जो पाया तुझे अपने ही दिल मे पाया ,
एक ऐसी जरूरत हो तुम , बोहत खूबसूरत हो तुम ,
Shayar... Tahir...Faraz....-
नीम के रस में मिला जब ज़हर तो मीठा हो गया
झूठ उसने इस क़दर बोला की सच्चा हो गया
-
जो मिला उससे गुजारा ना हुवा ,
जो हमारा था वो हमारा ना हुवा ,
हम किसी ओर से मंसूब हुये ,
क्या ये नुकसान तुम्हारा ना हुवा ,
वो बे तकफ़्लूब भी हो सख्ते थे ,
हमसे ही कोई इशारा ना हुवा ,
Poet ~tahir faraz-
इस कि आदत ठहरना नही है -
ये सफर इंतेहा ही करेगी -
लाख तुम इस के नखरे उठावो-
पर जिंदगी बेवफ़ाई करेगी -
Poet__tahir _faraz___-
ताहिर फ़राज़ साहब...... "माई "
"अम्बर की ये ऊंचाई , धरती की ये गहराई
तेरे मन मे है समाई ओ माई...
तेरा मन अमृत का प्याला, यही काबा यही शिवाला
तेरी ममता जीवनदायी ओ माई......"
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" *जो मिला उससे गुजारा ना हुवा ,
जो हमारा था वो हमारा ना हुवा ,
दोनो एक दूसरे पे मरते रहे ,
कोई अला को प्यारा ना हुवा *"
Port ~tahir faraz~-