मोहब्बत का वो गुजरा ज़माना याद आता है
हमें अक्सर तुम्हारा छत पर आना याद आता है।
कभी कपड़े सुखाने को कभी यूँ ही टहलने को
किसी बहाने से इक झलक दिखाना याद आता है।
कभी खिड़की पर आकर कुछ ज़ोर से कह जाना
किसी और को नहीं मुझको सुनाना याद आता है।
किताबों में फूल रखना कभी कुछ ख़त में लिख जाना
सहेली साथ बाज़ार में मिल कर जाना याद आता है।
कभी आँखों ही आँखों में, इशारों में बात करना "रिया"
कभी अंताक्षरी में हाल ए दिल सुनाना याद आता है।
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24 APR 2020 AT 0:15
8 JAN 2022 AT 23:46
ऐ चाँद,
तू यूँ खिड़की से न झाँका कर,
फिर सोने को दिल नहीं चाहता,
साथ तेरे, हाथों में हाथ डाल,
टहलना चाहता है।
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10 JUL 2020 AT 10:57
अक्सर रातों को हम साथ साथ टहलते है,
तुम मेरे जेहन में और मैं छत पर....-
21 FEB 2020 AT 9:22
दिन मे एक आद बार आ जाया करो मेरी profile पर
तुम्हारा मेरी profile पे टहलना हमें अच्छा लगता है
😊😊😊😊😊😊
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23 AUG 2019 AT 0:43
"Kuch yaadein hai meri jo aksar
Raat main he tahalne nikalti hai
Or phir subha tak tahal ti hai"
@mr.rapper-
30 MAY 2020 AT 12:48
सुनसान सी राहों पर
जब दिल टहलता है
तब कुछ कुछ दिमाग में
चलता है जो चलता है चलने दो
तुम उसे नई उमंगे नई तरंगे दे दो
ताकि सुनसान राहों पर न भटके-
23 SEP 2017 AT 13:54
Kbhi badalon mai tahalne chalenge..
Ayy yaar!!
Kbhi teri yaadon mai khone chalenge..-